पाकिस्तानियों ने ऐसी यातनाएं दी की घुरहू ने जेल में फांसी लगाकर दे दी जान

जौनपुर। कराची जेल में बंद घूरहू को पाकिस्तानियों ने ऐसी यातनाएं दी कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। यह खबर मिलते ही उसके परिवार समेत पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है। अब उसके साथ तीन अन्य बंदियों को पाक जेल से छुड़ाकर वापस भारत लाने के लिए ग्रामीणों ने भारत सरकार से अपील किया है। मृतक की चार बेटियां और दो बेटे अनाथ हो गये है। 

जौनपुर जिले के मछलीशहर कोतवाली थाना क्षेत्र के बसिरहा गांव के निवासी घुरहू बिन्द घर की माली हालत ठीक न होने के कारण कमाने के लिए सन् 2021 में गुजरात गये हुए थे वे वहां पर ओखा बंदरगाह के पास समुद्र से मछली पकड़ने का काम करते थे। 8 फरवरी 2022 को पाकिस्तानी रेंजरों ने घुरहू समेत छह लोगों को पकड़कर कराची जेल में बंद कर दिया। पाकिस्तानी जेल बंदी रक्षकों द्वारा दी जाने वाली यातनाएं के चलते उसने फांसी लगाकर जान दे दिया। 

शासन प्रशासन व परिवार वालों को इसकी जानकारी घूरहू के साथ कराची जेल में बंद धमेंद्र बिन्द के द्वारा भेजे गये चिठ्ठी से हुई। दो पेज में लिखे गये पत्र में उसने पहले गणेशाय नमः लिखा है उसके बाद ठेठ भाषा में पूरी बात लिखी है। 

बसिरहा गांव निवासी घुरहू का परिवार  कच्चे दलाननुमा घर के सामने टिन शेड  में रहता है।घुरहू की पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि उनकी चार पुत्रियों में सुनीता,सीता,अवतारी विवाहित है तथा संतोषी अविवाहित हैं।इंटर में पढ़ती है।पिता की गिरफ्तारी के बाद पुत्र धीरज और नीरज मुंबई में नौकरी कर रहे हैं।

 

गुजरात के पास जल सीमा का उल्लंघन करने पर पाकिस्तानी रेंजरों ने किया गिरफ्तार

 

परिवार के सुनहरे भविष्य का सपना मन में सजोये  अपना घर बार छोड़कर गुजरात कमाने गये आठ युवक पाकिस्तान की जेल में पहुंच गये है।जिसमे से छः मछलीशहर क्षेत्र के है।अन्य दो सीमावर्ती जनपद के हैं। 


मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के चौबेपुर गांव निवासी राजनाथ बिन्द पुत्र बच्चू,बसिरहा गांव के विनोद कुमार बिन्द,नंदापुर गांव के लालमणि बिन्द,देवरिया गांव के राजनाथ पुत्र बुध्दू, नंदापुर गांव के सुरेश बिन्द अपने रिश्तेदार भदोही जनपद के नीरज बिन्द और सुल्तानपुर जिले के अभयराज के साथ अगस्त 2021 में रोजी रोटी के सिलसिले में गुजरात गये थे। वहां एक ठेकेदार के लिए समुद्र में मछली पकड़ने का कार्य करते थे। 8 फरवरी 2022 को इनकी नाव भटक कर पाकिस्तान की जल सीमा में प्रवेश कर गयी। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना के जवानों ने सभी को बंदी बना लिया। यह खबर गुजरात के एक अखबार में छपने के बाद गाव के लोगो की जानकारी हुई। तब यह खबर गाव के लोगो द्वारा घर पर दी गयी।खबर मिलने के बाद सभीके घरो में कोहराम मच गया है। लोग परेशान हो उठे।अब इन गरीबों के परिवार वालों का सहारा बनने के लिए आजाद समाज पार्टी सामने आयी है। वाराणसी मण्डल के प्रभारी एस पी मानव पीड़ितो के परिजनो को लेकर सोमवार को  जिलाधिकारी से मुलाकात की।सभी को जेल से छुड़ाने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्रालय भारत सरकार को भेजने के लिए एक पत्र सौपा है। अब प्रशासन और भारत सरकार से रिहाई की माँगकी जा रही हैं।

*बहुत अधिक देते हैं यातना*

मछलीशहर।पीड़ित परिवार के घर मौजूद 1999में कराची जेल में बंद गांव के राजेंद्र बिंद ने बताया कि जेल में बहुत अधिक यातना दी जाती हैं। वे 1999में मछली पकड़ने के दौरान बन्द हुए थे और 2002में छूट कर आए थे।जेल मिलने वाला दर्द बर्दाश्त नहीं होता था।

 

*ग्राम प्रधान ने सरकार से की तीन मांग*

 

 पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे ग्राम प्रधान मृत्यंजय बिंद ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार से तीन मांग है।पहले घुरहू के शव का स्थानीय डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाय। दूसरी बात यह है कि पीड़ित गरीब परिवार को सरकारी स्तर से आर्थिक मदद दिलाई जाए और जेल में बंद अन्य लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हुए अपने देश वापस लाया जाय।जिससे न्याय हो सके

 


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