जीत सदा सत्य की होती है: डा. मदन मोहन
https://www.shirazehind.com/2025/04/blog-post_858.html
जौनपुर। सत्य परेशान हो सकता लेकिन पराजित नहीं हो सकता। परमात्मा व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पवित्र उद्देश्य की सहायता करता है। त्रेता में राम ने सूर्य के अंश सुग्रीव को मित्र बनाते हैं और इन्द्र के अंश बालि का वध करते हैं। द्वापर में श्रीकृष्ण इन्द्र के अंश अर्जुन को मित्र बनाते हैं तो सूर्य के अंश कर्ण के मारने की व्यवस्था करते हैं। उक्त बातें शिव मंदिर प्रांगण पाण्डेय पट्टी इमलो में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम महोत्सव में चौथे दिन वाराणसी से पधारे मानस कोविद डा मदन मोहन मिश्र ने कही। इसी क्रम में राम वनवास प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि जब तक हमारे घरों में भेद पैदा करने वाली मंथरा जैसी नारियों का प्रवेश बंद नहीं होगा तब तक राम जैसे बेटों का वनवास होता रहेगा। जब नारी सारथी बनती है तो देवासुर संग्राम में पति दशरथ का प्राण बचा लेती है लेकिन जब स्वार्थी बनती है तो पति का प्राण ले लेती है।इसी क्रम में प्रतापगढ़ से पधारे मानस प्रवक्ता आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि सती कथा नहीं सुनीं। परिणाम यज्ञ में जलकर मर जाना पड़ा। सीता जी जलकर मर जाना चाहती थीं। हनुमान ने कथा सुनाया तो उनका सारा दुःख दूर हो गया। "राम चंद्र गुन बरनै लागा, सुनने सीता कै दुःख भागा" नारी क्षमता के माध्यम से लक्ष्मी बाई बनकर अग्रेजों का दांत खट्टा कर देती हैं तो ममता के माध्यम से देवकी के बेटे कन्हैया को पाल सकती हैं। मंच संचालन महेंद्र शास्त्री ने किया। विद्वानों का स्वागत व्यवस्थापक शीतला प्रसाद मिश्र ने किया।
इस अवसर पर रामचंद्र शास्त्री, गुड्डू उपाध्याय, मुन्ना राय, जयनाथ शास्त्री, प्रेमशंकर दुबे, राजेन्द्र दुबे सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।
Veriy.naies.good
जवाब देंहटाएं