राम राज्य की नीव है केवट :डा मदन मोहन मिश्र
डा मिश्र ने आगे कहा कि हम अपने कर्मों को जब परमात्मा के चरणों में चढ़ा देते हैं तो परमात्मा अपने हाथों से हमारे सिर का सारा भार उठा लेता है, रावण सुधार चाहता था तलवार के बल पर परसुराम चाहते थे कुठार के बल पर किंतु राम ने समाज का सुधार कर दिया अपने व्यवहार के बल पर, और राजा किलो मे रहते थे किन्तु राजा राम लोगो के दिलों मे निवास करते हैं l प्रतापगढ से पधारे मानस प्रवक्ता पं. आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि हमारा संकल्प सात्विक होगा तो विकल्प परमात्मा देगा, ईश्वर अवसर के रूप में अपने को अभिव्यक्त करता है जरूरत है उन्हे पहचानने की, सकारात्मक सोच ही व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है और नकारात्मक सोच ही व्यक्ति के जीवन का अभिशाप है l हनुमान के मंत्र को मानकर विभीषण लंकेश हो गया l मंच संचालन महेंद्र शास्त्री ने किया विद्वानो का स्वागत व्यवस्थापक शीतला प्रसाद मिश्र ने किया, इस अवसर पर रामचंद्र शास्त्री, , जय नाथ शास्त्री, प्रेम शंकर दुबे, राजेन्द्र दुबे , आशीष द्विवेदी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।