पेड़ कटेंगे तो छांव कहां मिलेगी?


जौनपुर। जौनपुर सोशल फोरम की बैठक में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता जताई गई। रासमंडल स्थित रामेश्वर शिशु विहार में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही गर्मी का प्रकोप दिखने लगा है। अगर यही रफ्तार रही तो जीव-जंतुओं और इंसानों के लिए मुश्किलें बढ़ती जायेंगी।

अजय सिंह ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को जलवायु संकट की जड़ बताते हुए कहा कि शहर में सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर पेड़ काट दिये गये लेकिन नए पेड़ लगाने की कोई योजना नहीं दिखती। पहले जहां छांव मिलती थी, आज वहां धूप झेलनी पड़ रही है।
बैठक में भूजल स्तर के तेजी से गिरने पर भी चिंता जताई गई। निसार अहमद ने कहा कि ग्राम पंचायतों को महाराष्ट्र के हिवड़े बाजार से सीख लेनी चाहिए जहां जल संचयन की मिसाल कायम हुई है। वक्ताओं ने कहा कि शहर में तालाबों और पोखरों को पाटकर बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गई हैं जिससे पानी का संकट और गहराता जा रहा है।
बैठक में तय किया गया कि पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) को संगठन के लोग जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने और पौधारोपण अभियान चलाने की मांग करेंगे। बैठक में शोभना स्मृति, आनंद देव, अब्दुल हक खान, बृजेश कुमार, मोहम्मद नौशाद, रोशन जहां, मोहम्मद सूफियान आदि मौजूद रहे।

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