आइफेक्स में प्रदर्शित हुई जौनपुर के पंकज की कलाकृति
https://www.shirazehind.com/2025/03/blog-post_41.html
जौनपुर : युवा कलाकार पंकज तिवारी की कलाकृति नई दिल्ली के विशाल कला दीर्घा ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट सोसायटी में प्रदर्शित हुई, जिसे देखने के लिए दीर्घा में लोगों की भीड़ जमीं हुई है। जौनपुर के पंकज तिवारी के कलाकृतियों में गांव है, संस्कार, संस्कृतियों का विशाल फलक है। बनारस और शक्तिनगर से कलाशिक्षा प्राप्त पंकज आजकल दिल्ली में ही अपने सृजनशीलता के साथ रमे हुए हैं। कलाकृतियों के साथ-साथ पंकज कहानी, कविता, कला समीक्षा, फिल्म समीक्षा भी लिखते रहते हैं। गांव पर आधारित परिवेश को लेकर मुंबई के यशोभूमि और सामना में इनका स्तम्भ भी प्रकाशित होता रहता है जो बहुत ही प्रसिद्ध है। इनके लेखन में भी गांव ही बसता है। भाषा शैली गजब की होती है। छोटी उम्र से ही रचना धर्मिता के तरफ इनका झुकाव हो गया था। ग्यारहवीं कक्षा में ही इन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी से प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुका है उसके बाद से तो इनके सपनों में जैसे पंख लग गए हों और निरंतर सृजनात्मक कार्यों में संलग्न रहने लगे। राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ, सहित गाजीपुर, बनारस, जयपुर, कानपुर सहित तमाम छोटी-बड़ी प्रदर्शनियों में इनके चित्र प्रदर्शित होते रहे हैं। राष्ट्रीय ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित पुराना किला पर भी कैम्प में इनकी सहभागिता रह चुकी है। एस. सी. ई. आर. टी. नई दिल्ली के तरफ से आयोजित रंग-तरंग कैंप में भी पंकज की सहभागिता होती रही है। अभी हाल ही में 'एसंउ लाग बाटइ महाकुम्भ अइया' गीत बहुत ही पसंद किया गया। गीत शुद्ध अवधी में लिखा हुआ है।