डेहरी का लाल बहादुर दुबे मार्ग
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देश के विकास में सड़कों का भी है अहम योगदान: फरहान
मुख्यमंत्री से मिलकर सड़क के नामकरण की उठायी मांकेराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के डेहरी गांव के ग्राम प्रधानपति शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर लाल बहादुर दुबे मार्ग को आधिकारिक मान्यता देने मांग किया। इस आशय की जानकारी देते हुए प्रधानपति फरहान अहमद ने कहा कि विगत माह डेहरी व झमका गांव को जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर लालबहादुर दुबे मार्ग का साइन बोर्ड लगाया गया था।
मार्ग का नामकरण तो कर दिया गया, मगर इसकी आधिकारिक मान्यता नहीं मिली थी। अगर इस मार्ग को आधिकारिक मान्यता मिल जाती है तो डेहरी और झमका गांव के विकास को एक नई पहचान देगा, इससे सड़क की स्थिति सुधरने के साथ गांव को पहचान देंगी, क्योंकि विकास में जिन क्षेत्रों का बहुत अहम योगदान है, उसमें सड़कों की भी एक बड़ी भूमिका है।
माना यह जाता है कि जिस क्षेत्र या गांव में सड़कें टूटी और जर्जर होंगी वहां विकास की कल्पना अधूरी होगी। यानी जिस क्षेत्र या गांव में सड़क की स्थिति बेहतर नहीं होगी, वहां अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा विकास की रफ़्तार धीमी रहेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को नमो घाट पर काशी तमिल संगम 3.0 के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान हेलीपैड पर प्रधानपति फरहान अहमद भी मौजूद होकर मुख्यमंत्री का स्वागत कर डेहरी गांव के गंगा जमुना तहजीब से अवगत कराया।
015 व 016
——इनसेट——
मुख्यमंत्री के साथ फोटो भेजना प्रधानपति को पड़ा भारी, मिली धमकी
क्षेत्र के डेहरी गांव के प्रधानपति फरहान अहमद ने अपने ऑफिशल इंस्ट्राग्राम पर वाराणसी के हेलीपैड पर मुख्यमंत्री के स्वागत करने की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज सुशासन के प्रतीक, हम जैसे लाखों भाजपा के कार्यकर्ताओं के महबूब नेता, उत्तर प्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वाराणसी पुलिस लाइन में स्वागत करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। आरोप है कि पोस्ट के बाद मुर्की गांव निवासी ओमैर ने पोस्ट पर धार्मिक टिप्पणी कर अभद्रता का संदेश देने के साथ ही इस्लाम से खारिज करने जैसी अशोभनीय बातें लिखकर पोस्ट कर दिया। पोस्ट होते ही ग्राम प्रधानपति कोतवाली पहुंच नामजद तहरीर देकर जांचोपरांत उचित कार्यवाही करने की मांग किया। पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गयी है।
मार्ग का नामकरण तो कर दिया गया, मगर इसकी आधिकारिक मान्यता नहीं मिली थी। अगर इस मार्ग को आधिकारिक मान्यता मिल जाती है तो डेहरी और झमका गांव के विकास को एक नई पहचान देगा, इससे सड़क की स्थिति सुधरने के साथ गांव को पहचान देंगी, क्योंकि विकास में जिन क्षेत्रों का बहुत अहम योगदान है, उसमें सड़कों की भी एक बड़ी भूमिका है।
माना यह जाता है कि जिस क्षेत्र या गांव में सड़कें टूटी और जर्जर होंगी वहां विकास की कल्पना अधूरी होगी। यानी जिस क्षेत्र या गांव में सड़क की स्थिति बेहतर नहीं होगी, वहां अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा विकास की रफ़्तार धीमी रहेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को नमो घाट पर काशी तमिल संगम 3.0 के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान हेलीपैड पर प्रधानपति फरहान अहमद भी मौजूद होकर मुख्यमंत्री का स्वागत कर डेहरी गांव के गंगा जमुना तहजीब से अवगत कराया।
015 व 016
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मुख्यमंत्री के साथ फोटो भेजना प्रधानपति को पड़ा भारी, मिली धमकी
क्षेत्र के डेहरी गांव के प्रधानपति फरहान अहमद ने अपने ऑफिशल इंस्ट्राग्राम पर वाराणसी के हेलीपैड पर मुख्यमंत्री के स्वागत करने की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज सुशासन के प्रतीक, हम जैसे लाखों भाजपा के कार्यकर्ताओं के महबूब नेता, उत्तर प्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वाराणसी पुलिस लाइन में स्वागत करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। आरोप है कि पोस्ट के बाद मुर्की गांव निवासी ओमैर ने पोस्ट पर धार्मिक टिप्पणी कर अभद्रता का संदेश देने के साथ ही इस्लाम से खारिज करने जैसी अशोभनीय बातें लिखकर पोस्ट कर दिया। पोस्ट होते ही ग्राम प्रधानपति कोतवाली पहुंच नामजद तहरीर देकर जांचोपरांत उचित कार्यवाही करने की मांग किया। पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की छानबीन में जुट गयी है।