अच्छी नौकरी के लिये करें परिश्रम: विवेक कुमार
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मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना उच्च शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु जागरूकता कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के निदेशक केंद्रीय शिक्षुता सलाहकार विवेक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना विद्यार्थियों को कुशल बनाने के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके सफलता के लिए प्रयासरत है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार के उद्देश्यों पर चर्चा की। साथ ही अपरेंटिसशिप अधिनियम के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी लोग नौकरी चाहते है पर नौकरी के लिए जो तैयारी है वह नहीं करते। जब तक परिश्रम से किसी कार्य को नहीं सीखते तब तक आपको एक अच्छी नौकरी नहीं मिल सकती। सरकार का यह प्रयास है कि पढाई के साथ कैसे आपको रोजगार मिले। उन्होंने शिक्षुता के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया समझाई।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि अपने व्यवहार से आप शिक्षा जगत में आगे बढ़ सकते हैं। सरकार द्वारा चलाए गए योजनाओं से हमें जुड़ना चाहिए। हमारे विद्यार्थी इस योजना से जुड़ेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें लैब मिलेगा.परीक्षा नियंत्रण डॉ विनोद सिंह ने कहा कि सबसे पहले हमें वर्तमान समय के साथ चलना चाहिए। भूत से आप सीखिए और भविष्य के लिए सोचे। उन्होंने कहा कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं करना पड़ेगा। वित्त अधिकारी प्रो अजय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्व के कई देशों में शिक्षुता योजना चलाई जा रही है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले है।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ नितेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. राघवेंद्र पाण्डेय, डॉ. कर्मचन्द यादव, डॉ. गंगेश दीक्षित, डॉ. नीलेश सिंह, श्याम त्रिपाठी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना उच्च शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु जागरूकता कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के निदेशक केंद्रीय शिक्षुता सलाहकार विवेक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना विद्यार्थियों को कुशल बनाने के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके सफलता के लिए प्रयासरत है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार के उद्देश्यों पर चर्चा की। साथ ही अपरेंटिसशिप अधिनियम के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी लोग नौकरी चाहते है पर नौकरी के लिए जो तैयारी है वह नहीं करते। जब तक परिश्रम से किसी कार्य को नहीं सीखते तब तक आपको एक अच्छी नौकरी नहीं मिल सकती। सरकार का यह प्रयास है कि पढाई के साथ कैसे आपको रोजगार मिले। उन्होंने शिक्षुता के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया समझाई।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि अपने व्यवहार से आप शिक्षा जगत में आगे बढ़ सकते हैं। सरकार द्वारा चलाए गए योजनाओं से हमें जुड़ना चाहिए। हमारे विद्यार्थी इस योजना से जुड़ेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें लैब मिलेगा.परीक्षा नियंत्रण डॉ विनोद सिंह ने कहा कि सबसे पहले हमें वर्तमान समय के साथ चलना चाहिए। भूत से आप सीखिए और भविष्य के लिए सोचे। उन्होंने कहा कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं करना पड़ेगा। वित्त अधिकारी प्रो अजय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्व के कई देशों में शिक्षुता योजना चलाई जा रही है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले है।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ नितेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. राघवेंद्र पाण्डेय, डॉ. कर्मचन्द यादव, डॉ. गंगेश दीक्षित, डॉ. नीलेश सिंह, श्याम त्रिपाठी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।