बदलापुर हादसा: बसन्त लाल ने पत्नी और बेटे को खोया,

 मृतकों में 4 महिलाएं, 3 पुरुष तथा 7 वर्षीय बच्चा शामिल

जौनपुर। महाकुम्भ में स्नान कर वाराणसी से दर्शन पूजन करने के बाद अयोध्या जा रही डबल डेकर बस और सूमो कार की अलग—अलग भिड़ंत में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी।  मृतकों में 4 महिलाएं, 3 पुरुष तथा 7 वर्षीय बच्चा शामिल है जबकि दोनों घटनाओं में 29 लोग बुरी तरह घायल हो गये हैं। घायलों को पुलिस ने उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। सभी का प्रथम उपचार करने के बाद डॉक्टरों ने गंभीर हालत होने के कारण बेहतर उपचार के लिए उन सबको जिला अस्पताल रेफर कर दिया है जहां उनका उपचार चल रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना गुरुवार अलसुबह की है। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र, पुलिस अधीक्षक डा. कौस्तुभ, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक बदलापुर प्रतिमा वर्मा, उपजिलाधिकारी बदलापुर डा. योगिता सिंह, तहसीलदार राकेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक गजानंद चौबे, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अरविंद सिंह, चेयरमैन प्रतिनिधि वैभव सिंह आदि मौके पर पहुंच गये। घटना के दौरान मौके पर चीख-पुकार मच गयी थी। चूंकि वाहनों की भिडंत इतनी तेज थी कि अगल-बगल गांव में सो रहे लोगों की नींद खुल गयी। लोग आवाज सुनकर मौके पर पहुंच गये। ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने मृतकों तथा घायलों को सूमो तथा बस से बाहर निकाला। सभी को पुलिस ने सीएचसी बदलापुर भिजवाया। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि एक सूमों पर सवार लोग झारखंड से  वाराणसी में पूजन अर्चन करनें के बाद अयोध्या दर्शन करने जा रहे थे। सूमो जैसे ही सरोखनपुर गांव के पास फोरलेन पर पहुंची कि डिवाडर से टकरा गई। अभी मौके पर पंहुची पुलिस सूमों पर सवार घायल लोगों को बाहर निकाल रही थी कि तब तक वाराणसी से अयोध्या जा रही डबल डेकर बस चावल लदे ट्रक में पीछे से वहीं  जा भिड़ी।

मृतकों में भगवान सिंह पुत्र स्व0 रामजी मादीपुर, पंजाबी बाग, नई दिल्ली, अनीता पत्नी बसंत लाल मादीपुर पश्चिम दिल्ली, शकुंतला पत्नी इन्द्र कुमार मादीपुर पंजाबी बाग नई दिल्ली, दिनेश पुत्र बसंतलाल मादीपुर पंजाबी बाग नई दिल्ली, सुशीला पत्नी नाथूराम दलितनगर भिवानी हरियाणा एवं विहान पुत्र भोला सिंह निवासी अज्ञात हैं जबकि तीन अज्ञात हैं।
वहीं घायलों में बबली 46 वर्ष पत्नी धर्मेंद्र, सुभाष 50 वर्ष पुत्र हनुमान, दिनेश 39 वर्ष पुत्र बसंत लाल, रंजीत 40 वर्ष, दिनेश चौबे 55 वर्ष पुत्र पीके चौबे, कविता 45 वर्ष पत्नी दिनेश कुमार,
हरिश्चंद्र 61 वर्ष पुत्र रामनाथ, भगवान सिंह 58 वर्ष पुत्र रामजी लाल, मायावती 55 वर्ष पत्नी हरि प्रसाद, खेमचंद 55 वर्ष पुत्र दालचन्द, गीता 55 वर्ष पत्नी हरिश्चंद्र, किशोरी लाल 60 वर्ष पुत्र स्व0 लालाराम, लक्ष्मी 32 वर्ष सुभाष चंद्र, सुरेश 51 वर्ष पुत्र नन्हकू, सुशीला 60 वर्ष पत्नी नन्हकू, सरस्वती 55 वर्ष पत्नी राजकुमार, आशीष 39 वर्ष पुत्र संजय, शकुंतला 54 वर्ष पत्नी इन्द्रेश कुमार, सुशील 65 पत्नी नाथूराम, रामवती 60 वर्ष सन्तराम, राधा देवी 70 वर्ष पत्नी काली प्रसाद, गीतांजलि 31 वर्ष पत्नी संजय
तारा 56 वर्ष पत्नी रामलाल, कमलेश 50 वर्ष पत्नी जुगुनू एवं मंशा 48 पत्नी कमलेश हैं।
वहीं भगवान सिंह पुत्र स्व0 रामजी, अनीता पत्नी बसंत लाल, शकुंतला पत्नी इंद्र कुमार, दिनेश पुत्र बसंत लाल, सुशीला पत्नी नाथूराम, बिहान पुत्र भोला सिंह ने जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।


हादसा में बसन्त लाल ने पत्नी और बेटे को खो दिया
बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के सरोखनपुर गांव के पास फोर लेन पर डबल टेकर की बस की भिड़ंत में नई दिल्ली के निवासी बस में सवार बसंत लाल ने अपनी पत्नी तथा बेटे को खो दिया। उन्हें क्या पता था कि दर्शन पूजन अर्चन करने जा रहे पुत्र दिनेश व पत्नी अनीता उनका साथ छोड़कर चले जाएंगे। हादसे में पत्नी अनीता व पुत्र दिनेश का पोस्टमार्टम एक साथ देख कर बसंत लाल दहाड़ें मारकर रोने लगे। साथ वाले उन्हें ढाढस बधा रहे थे।


अन्य श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहा नगर पंचायत
कोतवाली क्षेत्र के सरोखनपुर गांव के पास फोर लेन पर हुए डबल डेकर बस की भिड़ंत के बाद अन्य श्रद्धालुओं की खिदमत में नगर पंचायत के कर्मी दिन भर लगे रहे। दुर्घटनाग्रस्त डबल डेकर की बस के अलावा उसके साथ अन्य चल रही दो बसों में सवार श्रद्धालुओं को नगर के रेन बसेरा में व्यवस्था देकर नगर पंचायत ने रहने ठहरने खाने की पूरी व्यवस्था किया। नगर पंचायत कर्मियों के साथ अध्यक्ष सीमा सिंह की प्रतिनिधि वैभव सिंह तथा अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अरविंद सिंह व्यवस्था में लग रहे।


घटना 3:30 बजे अल सुबह की है। मैं सो रहा था। हादसा होते ही मेरी नींद खुल गई। मैं अपनी सीट से 4 सीट आगे पड़ा पाया। समझ ही नहीं पा रहा था कि यह सब क्या हुआ। किसी तरह कांच तोड़कर मैं बाहर निकल पाया। मैं भी घायल हो गया हूं।
——राम शंकर तिवारी


नींद की आगोश में था। तब तक धड़ाम से आवाज आई। मैं स्वयं को 4-5 आदमियों के नीचे दबा हुआ पाया। बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाया। देखा कि लोगों में चीख—पुकार मची हुई थी। मुझे भी पैर में चोट लगी।
——किशोरी लाल

——इनसेट——
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के दर्शन पूजन की एक ललक थी। पत्नी सरोज तथा साला भगवान सिंह के साथ मैं भी बस में सवार होकर निकल पड़ा। हादसे के दौरान मैं स्वयं पाया कि अपनी सीट से चार सीट आगे जा गिरा पड़ा था। देखा कि पत्नी दो सीट पीछे गिरी पड़ी थीं। बस में चीख—पुकार मचा हुआ था। बस में सवार अपनी पत्नी तथा 14 वर्ष के बच्चे को किसी तरह बाहर निकाल सका। कुछ देर बाद पता लगा कि घायल साले भगवान दास की मौत हो चुकी है।
——खेमचन्द


बस की भिड़ंत इतनी तेज थी कि बस में सवार सभी यात्री एक दूसरे पर गिरे पड़े हुए थे। पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। ग्रामीण व पुलिस कर्मी सभी लोगों को एक-एक कर बाहर निकाल रहे थे। एक महिला सीट के नीचे दबी कराह रही थी। उसे निकालने के लिए सीट पीछे खींच रहा था लेकिन निकाल नहीं सका। पुलिस वालों ने सीट तोड़कर उसे निकाला।
——महेश कुमार

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