ठाकुर तिलकधारी सिंह का नाम युगों-युगों तक याद किया जाएगा: प्रोफेसर वंदना सिंह
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जौनपुर। तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ऐतिहासिक बलरामपुर सभागार में संस्थापक स्वर्गीय ठाकुर तिलकधारी सिंह का 153वाँ जन्मदिवस शुक्रवार को संस्थापक दिवस समारोह के रूप में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की कुलपति और प्रख्यात नैनो साइंटिस्ट प्रोफेसर वंदना सिंह द्वारा संस्थापक के जीवंत विग्रह के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थापक द्वारा निर्मित तिलकधारी महाविद्यालय पूर्वांचल विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित महाविद्यालय है। उन्होंने कहा कि इस संस्था का निरंतर शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक उन्नयन हो रहा है। इस संस्था से निकले विद्यार्थी देश-विदेश में उच्च पदों पर उत्कृष्ट कार्य करते हुए जनपद और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज संस्थापक दिवस के साथ ही देश राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भी धूमधाम से मना रहा है।आज विज्ञान हमें ए आई की तरफ ले जा रहा है,हमारे ज्यादातर कार्य एआई आधारित हो जाएंगे जिससे इसका दुरुपयोग बढ़ेगा। इसलिए विद्यार्थियों में मूल्य से जुड़े रहकर चरित्र निर्माण बहुत बारीकी से किया जाना चाहिए,जिसमें शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाविद्यालय के प्रबंधक राघवेंद्र प्रताप सिंह एवम् अध्यक्ष व प्रख्यात मत्स्य वैज्ञानिक प्रोफेसर श्री प्रकाश सिंह द्वारा मुख्य अतिथि को विशाल पुष्प गुच्छ,अंग वस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व सदस्य, लोक सेवा आयोग, प्रयागराज एवं समाजशास्त्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर०एन०त्रिपाठी थे। जिन्होंने अपने भाषण से छात्राओं में ऊर्जा का संचार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। महाविद्यालय की वार्षिक प्रगति आख्या प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने प्रस्तुत किया।प्रोफेसर श्रद्धा सिंह एवं डॉक्टर माया सिंह के कुशल निर्देशन में छात्राओं ने मनोहारी संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किया । कार्यक्रम के अंत में ठाकुर उमाशंकर स्मृति निधि से डॉक्टर सिद्धार्थ सिंह के निर्देशन में पांचो संकायों के स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के सर्वोच्च अंक प्राप्त छात्र एवं छात्राओं को 10000-10000 रुपए नगद,स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र एवं ठाकुर कृष्ण नाथ सिंह रघुवंशी स्मृति निधि से प्रोफेसर अशोक सिंह रघुवंशी एवं प्रोफेसर हिमांशु सिंह के निर्देशन में विज्ञान संकाय,रक्षा एवं स्ट्रैटेजिक विभाग तथा शिक्षक-शिक्षा विभाग के स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में सर्वोच्च अंक प्राप्त छात्र एवं छात्राओं को ₹2500 नगद, स्वर्ण पदक व प्रशस्ति पत्र माननीय कुलपति महोदया के कर कमल द्वारा प्रदान किया गया। प्रख्यात कृषि अर्थशास्त्री, प्राचार्य कैप्टन (प्रोफेसर) ओ०पी० सिंह द्वारा कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण करके किया गया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रकाश सिंह ने संस्थापक के द्वारा इस तिलक तपोवन के निर्माण में किए गए संघर्षो के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया जो हमारे लिए अनुकरणीय है। समारोह में वंशलोचन सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट, राजवीर सिंह, डॉक्टर डी० आर० सिंह, मुख्य अनुशास्ता डॉ० विजय कुमार सिंह, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉक्टर शैलेंद्र सिंह, प्रोफेसर अमित श्रीवास्तव, डॉ० सुदेश कुमार सिंह, डॉ० पंकज गौतम,प्रोफेसर मनोज कुमार सिंह,प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह,प्रोफेसर राम आसरे सिंह, प्रोफेसर आर०के० सिंह, प्रोफेसर अरविंद कुमार सिंह, प्रोफेसर अशोक सिंह, प्रोफेसर हरिओम त्रिपाठी,डॉ०अजय कुमार सिंह,डॉक्टर एस० के० वर्मा, मीडिया प्रभारी डॉक्टर बालमुकुंद सेठ, डॉ० विपिन कुमार सिंह, डॉ शुभम सिंह, डॉ पार्थ सिंह सहित समस्त संकायों के विद्वान प्राध्यापक एवं विदुषी प्राध्यापिकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर समर बहादुर सिंह जी ने किया। कार्यक्रम के अंत में गणमान्य अतिथियों का आभार महाविद्यालय के प्रबंधक राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि माननीया कुलपति को आदर्श मानकर महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य समय पर कुशलता पूर्वक संपन्न किए जाने चाहिए।