आभूषण व्यवसायी को फंसाने की साजिश !
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शाहगंज, जौनपुर। खुटहन थाना क्षेत्र के इमामपुर बाजार के एक आभूषण व्यवसायी को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश की जा रही है। पीड़ित प्रदीप सोनी ने प्रेस वार्ता करके पूरे मामले की सच्चाई बताई। साथ ही कहा कि वह हर जांच के लिए तैयार है।
बता दें कि पीड़ित प्रदीप सोनी पुत्र स्व. राम जियावन सोनी शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के बढ़ौना सुरिस बाजार में सर्राफा, रेडीमेड कपड़ा और जनरल स्टोर की दुकान अपनी बहन के साथ संचालित करते हैं। उन्होंने बताया कि 6 मई 2024 को चक संख्या 196 की जमीन प्रदीप शर्मा पुत्र स्व. जानकी प्रसाद से रजिस्ट्री कराई थी। इसके बाद उन्होंने चक संख्या 104 (मुख्य सड़क से लगी भूमि) का मुहायदा कराया और फिर 3 जुलाई 2024 को उसकी रजिस्ट्री कराई। कुछ दिन बाद प्रदीप शर्मा की पत्नी राधना शर्मा ने इस जमीन पर दाखिल खारिज फाइल में आपत्ति दर्ज कराई लेकिन सुलह होने के बाद आपत्ति हटा ली गई और प्रदीप सोनी का नाम दर्ज हो गया।
फर्जी रजिस्ट्री का आरोप
प्रदीप सोनी का आरोप है कि राधना शर्मा ने साजिश के तहत अपनी सास देवमती को गुमराह कर 26 जून 2024 को चक संख्या 104 का मुहायदा विवेक सिंह को कर दिया। इसके बाद 9 सितंबर 2024 को देवमती ने यह जमीन नारंगी देवी (पत्नी गजराज यादव) के नाम रजिस्ट्री कर दी। जब इस फर्जी रजिस्ट्री की जानकारी बैनामा करवाने वालों को हुई तो उन्होंने राधना शर्मा और उनकी सास देवमती से पैसे की मांग शुरू कर दी। इसी दौरान 4 अक्टूबर 2024 को राधना शर्मा के पति का निधन हो गया। इसके बाद बैनामा कराने वाले लोगों ने फिर से पैसे की मांग की तो राधना शर्मा ने स्वर्ण व्यवसायी प्रदीप सोनी पर ही पैसे मांगने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
धमकी एवं झूठे मुकदमे की साजिश
प्रदीप सोनी के अनुसार जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया तो 5 जनवरी 2025 को राधना शर्मा और उनके देवर संदीप शर्मा ने उन्हें गालियां दीं और धमकी दिया कि वे उन्हें गंभीर धाराओं में फंसाकर जेल भिजवा देंगे। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को उन्होंने कोतवाली शाहगंज में लिखित और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 24 जनवरी 2025 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर को प्रार्थना पत्र दिया जिसका निस्तारण अभी भी लंबित है।
फेसबुक-यूट्यूब पर झूठे आरोप
प्रदीप सोनी ने कहा कि राधना शर्मा सोशल मीडिया (फेसबुक और यूट्यूब) पर झूठे आरोप लगा रही हैं जिससे उनकी छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि वे मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे और न्यायिक कार्रवाई करेंगे।
पीड़ित ने क्या कहा?
"मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। मेरे पास सभी दस्तावेज और समझौते मौजूद हैं। राधना शर्मा और अन्य लोग मुझे झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश कर रहे हैं। जल्द ही मैं माननीय न्यायालय में मानहानि का दावा करूंगा।"
क्या होगा आगे?
पीड़ित ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग किया है। पुलिस अधीक्षक से लेकर न्यायालय तक मामला पहुंचने के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
प्रदीप सोनी का आरोप है कि राधना शर्मा ने साजिश के तहत अपनी सास देवमती को गुमराह कर 26 जून 2024 को चक संख्या 104 का मुहायदा विवेक सिंह को कर दिया। इसके बाद 9 सितंबर 2024 को देवमती ने यह जमीन नारंगी देवी (पत्नी गजराज यादव) के नाम रजिस्ट्री कर दी। जब इस फर्जी रजिस्ट्री की जानकारी बैनामा करवाने वालों को हुई तो उन्होंने राधना शर्मा और उनकी सास देवमती से पैसे की मांग शुरू कर दी। इसी दौरान 4 अक्टूबर 2024 को राधना शर्मा के पति का निधन हो गया। इसके बाद बैनामा कराने वाले लोगों ने फिर से पैसे की मांग की तो राधना शर्मा ने स्वर्ण व्यवसायी प्रदीप सोनी पर ही पैसे मांगने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
धमकी एवं झूठे मुकदमे की साजिश
प्रदीप सोनी के अनुसार जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया तो 5 जनवरी 2025 को राधना शर्मा और उनके देवर संदीप शर्मा ने उन्हें गालियां दीं और धमकी दिया कि वे उन्हें गंभीर धाराओं में फंसाकर जेल भिजवा देंगे। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को उन्होंने कोतवाली शाहगंज में लिखित और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 24 जनवरी 2025 को पुलिस अधीक्षक जौनपुर को प्रार्थना पत्र दिया जिसका निस्तारण अभी भी लंबित है।
फेसबुक-यूट्यूब पर झूठे आरोप
प्रदीप सोनी ने कहा कि राधना शर्मा सोशल मीडिया (फेसबुक और यूट्यूब) पर झूठे आरोप लगा रही हैं जिससे उनकी छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि वे मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे और न्यायिक कार्रवाई करेंगे।
पीड़ित ने क्या कहा?
"मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। मेरे पास सभी दस्तावेज और समझौते मौजूद हैं। राधना शर्मा और अन्य लोग मुझे झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश कर रहे हैं। जल्द ही मैं माननीय न्यायालय में मानहानि का दावा करूंगा।"
क्या होगा आगे?
पीड़ित ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग किया है। पुलिस अधीक्षक से लेकर न्यायालय तक मामला पहुंचने के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।