जौनपुर को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाने और सूखती झीलों-तालों को पुनर्जीवित करने की मांग
जौनपुर। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर सोशल फोरम के सदस्यों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जौनपुर को राष्ट्रीय और वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाने एवं जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रही झीलों और तालों को पुनर्जीवित करने की मांग की।
ज्ञापन में कहा गया कि जौनपुर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध नगर है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अब तक इसे पर्यटन मानचित्र पर उचित स्थान नहीं मिल पाया है। शाही किला, शाही पुल, झंझरी मस्जिद, चार अंगुल मस्जिद, शाही जमा मस्जिद, अटाला मस्जिद, लाल दरवाजा समेत कई ऐतिहासिक धरोहरें होने के बावजूद जौनपुर पर्यटन की मुख्यधारा से बाहर है।
सोशल फोरम ने मांग की कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को पत्र भेजकर जौनपुर को "राष्ट्रीय पर्यटन सर्किट" में शामिल किया जाए। इसके अलावा, ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण, आधुनिक सुविधाओं के विकास, प्रचार-प्रसार और ‘जौनपुर हेरिटेज वॉक’ जैसी पहल शुरू करने की आवश्यकता बताई गई।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण जिले की पारंपरिक झीलें और तालाब सूखते जा रहे हैं। गूजर ताल पर कूड़े का अंबार लग रहा है और वे विलुप्ति के कगार पर हैं। ऐसे में इन जलस्रोतों के सौंदर्यीकरण और संरक्षण की मांग की गई। साथ ही, जेसिस से वाजिदपुर तक ‘जौनपुर झील’ के पुनरुद्धार पर भी जोर दिया गया।
इस मौके पर निसार अहमद, संजय उपाध्याय, अली मंजर डेजी, सिराज खान, जफर मसूद, आनंद यादव, नौशाद समेत कई सदस्य मौजूद रहे। उन्होंने प्रशासन से इस विषय को प्राथमिकता देने और पर्यटन मंत्रालय तक प्रस्ताव भेजने की अपील की।