अतुल मामले में बेंगलुरू पुलिस तीन दिन रही जनपद में,मीडिया का जमावड़ा
घटना को लेकर प्रदर्शन संग उठने लगे थे व्यवस्था पर सवाल
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर । बेंगलुरू में एआइ इंजीनियर अतुल सुभाष के पत्नी निकिता सिंघानिया व ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए नौ दिसंबर को फांसी लगाकर जान देने के बाद दूसरे दिन पूरा मामला देशभर में सुर्खियों में आ गया था। इस दौरान अतुल के परिवार को न्याय दिलाने व आरोपितों को सजा दिलाने की मांग करते हुए प्रदर्शन के साथ ही विधि व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे थे। इसके साथ ही बेंगलुरू पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जिले में पहुंची। उनके न मिलने पर तीन दिन तक जिले में रहकर उनके घर नोटिस चस्पा की इसके साथ ही अतुल से जुड़े मुकदमों के दस्तावेजों की नकल दीवानी न्यायालय से ली। घटना की पूरे देश में चर्चा रही। इस दौरान प्रदेश भर के मीडिया का जमावड़ा जौनपुर में रहा।12 दिसंबर को बेंगलुरू पुलिस शाम को जनपद में पहुंची। कोतवाली पुलिस से मुलाकात की। दूसरे दिन 13 दिसंबर को जांच अधिकारी उप निरीक्षक रंजीत ने अपनी टीम के साथ आरोपियों के घर मोहल्ला मधारेटोला, कोतवाली में आरोपित निकिता सिंघानिया, उसकी मां व भाई के खिलाफ अतुल सुसाइड केस में दर्ज मुकदमे की नोटिस चस्पा किया। पुलिस के आने के पूर्व ही आरोपित फरार हो चुके थे। वह अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रयासरत थे। बेंगलुरू पुलिस नोटिस चस्पा करने के बाद दीवानी न्यायालय पहुंची। अतुल से जुड़े भरण पोषण, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न एवं अन्य मुकदमों के दस्तावेजों की पक्की नकल लिया। पहले दिन संपूर्ण दस्तावेज न हो पाने के कारण दूसरे दिन भी बेंगलुरू पुलिस पूरे दिन दीवानी न्यायालय में डटी रही। सभी दस्तावेजों की नकल लेकर पुलिस यहां से रवाना हुई। इस दौरान जनपद दो दिन मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा। उधर, बेंगलुरू पुलिस की दूसरी टीम यहां की पुलिस को बिना भनक मिले ही 14 दिसंबर की शाम निकिता की मां और भाई को प्रयागराज से तथा निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। सुशील गिरफ्तार नहीं हुए, बाद में उनकी अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से हुई।
दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष तक की है सजा व जुर्माना
जौनपुरः मृत अतुल सुभाष के भाई विकास ने धारा 108 व 3 (5) बीएनएस में निकिता, निशा, अनुराग व सुशील के खिलाफ 9 दिसंबर को मराठाहल्ली थाना बेंगलुरु में एफआइआर दर्ज कराया था। बीएनएस की धारा 108 आत्महत्या के दुष्प्रेरण से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो जो कोई ऐसी आत्महत्या का दुष्प्रेरण करेगा वह 10 वर्ष तक कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा। धारा 3 (5) बीएनएस के अनुसार जब कोई - आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों में से प्रत्येक द्वारा अपने सामान्य आशय के अग्रसरण में किया जाता
है तो प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के लिए उसी प्रकार दायित्वाधीन है जैसे वह कार्य अकेले उसी ने किया हो अर्थात सभी को समान दंड मिलेगा। धारा 108 बीएनएस संज्ञेय (बिना वारंट गिरफ्तारी), अजमानतीय व सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है। अर्थात यदि भविष्य में अतुल के मामले में आरोपित बेंगलुरू कोर्ट में ट्रायल के बाद दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 वर्ष तक कारावास व जुर्माने से दंडित किया जाएगा। अतुल के पिता का कहना है कि आरोपियों ने हत्या से भी गंभीर अपराध किया है। उन्हें कठोर दंड मिलना चाहिए।