सनातन संस्कृति के जागरण और राजनीतिक परिवर्तन का कारण बन रहा है संभल!
-न्यायालय के आदेश पर सम्भल की जामा मस्जिद में पिछले साल 24 नवम्बर को हो रहे सामान्य सर्वे को खोदाई की अफ़वाह फैलाकर हुई पत्थरबाजी ने सनातन संस्कृति को जगा दिया: स्वामी चिन्मयानंद
-अयोध्या की तरह संभल में किसी भी दल के लिए वोट की राजनीति करने का मौका पत्थरबाजी की घटना में दफ़न हो गया,1978 के दंगे में दबी विरासत को योगी सरकार सतह पर लाने में जुटी l
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-कैलाश सिंह-
राजनीतिक संपादक
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लखनऊ/ शाहजहाँपुर,(तहलका न्यूज नेटवर्क)l पिछले साल 24 नवम्बर को प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद में सिविल कोर्ट के आदेश के तहत सर्वे में लगी टीम पर हुआ पथराव सनातन संस्कृति को जगाने का काम कर गया l इस घटना ने दबी विरासत को सतह पर लाने के साथ साढ़े चार दशक पूर्व 1978 में हुए दंगे और हिंदुओं पर हुए अत्याचार की दबी कहानी को भी उजागर कर दियाl उस दंगे में 209 हिन्दू मारे गए और उनकी विरासत को इतिहास और वर्तमान से काटकर दबा दिए जाने के तथ्य, सुबूत मिलने की चर्चा आम हो रही हैl बीते 24 नवम्बर को हुए उपद्रव और दंगे को नियंत्रित करने वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार अब उसी विरासत को बाहर लाकर उसके जीर्णोद्धार में लगी हैl सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सीलबन्द रखते हुए मस्जिद कमेटी को छह जनवरी 2025 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा l इसी प्रकरण में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को अरेस्ट स्टे दिया लेकिन उन्हें यह भी हिदायत दी कि वह अपने खिलाफ़ हुई एफआईआर में जांच कर रही पुलिस का सहयोग करेंl दूसरी तरफ मस्जिद के सामने बन रहे पुलिस चौकी भवन की जमीन को दूसरे प्रांत के मुस्लिम नेता वक़्फ़ की सम्पति बताते नहीं थक रहे हैंl
दरअसल संभल में 'हरि मन्दिर' और भगवान् विष्णु के दसवें 'कल्कि अवतार' का जिक्र सनातन संस्कृति से जुड़े पौराणिक कथाओं व ग्रंथों में होना बताया जाता रहा है l यहां जामा मस्जिद परिसर से उसी हरि मन्दिर को लेकर सिविल कोर्ट में किए गए दावे के तहत कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था l मुस्लिम पक्ष उच्च न्यायालय जाने की बजाय कोर्ट के फैसले का विरोध पत्थरबाजी से करके खुद के दावे की गुंजाइश को खत्म कर दियाl उपद्रव और दंगा नियंत्रण के साथ योगी सरकार का पुलिस- प्रशासन संविधान सम्मत तरीके से अभिलेखों के जरिये वहां बन्द किए गए या मिट्टी में दबे बावड़ी, कुएं आदि खोज लिए l मन्दिर से जुड़े तमाम सुबूत भी मिले हैंl फिलहाल सर्वे रिपोर्ट सीलबन्द करके सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए छह जनवरी तक का समय दिया हैl
इस प्रकरण के मद्देनज़र देश के पूर्व गृह राज्यमन्त्री व अयोध्या मामलों के अगुआ रहे स्वामी चिन्मयानंद ने 'तहलका न्यूज नेटवर्क' से हुई बातचीत में माना कि संभल में भगवान् विष्णु के कल्कि अवतार का जिक्र सनातन मान्यताओं और पौराणिक ग्रंथों में मिलता हैl रहा सवाल वहां की कथित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई पत्थरबाजी और उपद्रव की घटना का तो इसने यह बात साफ़ कर दी कि सनातन संस्कृति से जुड़े लोगों को तो न्यायालय पर भरोसा है लेकिन अलगाववादी मानसिकता वालों को नहीं हैl यहां हिन्दू- मुस्लिम के बीच संघर्ष नहीं हैं, यहां तो कोर्ट की अवहेलना करने वाले उपद्रवियों ने मस्जिद को आधार बनाकर उपद्रव का रास्ता अख्तियार किया हैl
स्वामी चिन्मयानंद कहते हैं कि संभल में अयोध्या की तरह संघर्ष नहीं हैl यहां की घटना से सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण होने के साथ राजनीतिक परिवर्तन भी नज़र आयेगाl इसका असर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में दिखेगाl तरह जिस यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विकास के साथ विरासत खोजने और संरक्षित करने में लगे हैं उसी तरह महाराष्ट्र, असम, उत्तराखंड सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमन्त्री भी सनातन संस्कृति के जागरण में लगे हैंl
स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि वर्ष 2025 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष है l सवा सौ साल के अनवरत प्रयास के बाद संघ का यह सपना साकार होता दिख रहा है जिसमें 'हिंदुत्व चेतना और सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण' का सार समाहित रहा है l