शिक्षक हित ही संगठन की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए
बैठक को सम्बोधित करते हुए संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डा0 राकेश सिंह ने कहा कि शिक्षक हित किसी भी संगठन की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए तभी शिक्षा, संगठन, शिक्षक और शिक्षार्थी सबका भला होगा। साथ ही यदि किसी भी संगठन के नेतृत्व या पदाधिकारी द्वारा कोई सराहनीय पहल की जाए तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। जनपद जौनपुर एक शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष और अन्य शिक्षक नेता द्वारा जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में सेवानिवृत्त शिक्षक नेताओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की मांग की गयी है जो स्वागत योग्य है।
विभिन्न शिक्षक संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज दशकों पूर्व सेवानिवृत्त मठाधीशों को हटाने की मांग को लेकर हमारे संगठन के शिक्षक नेता विधान परिषद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। जिलाधिकारी से मांग करने वाले शिक्षक नेता अपने संगठन के शीर्ष नेतृत्व से भी सेवानिवृत्त मठाधीशों से विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगाने एवं संगठन के पदों से हटाने की मांग अवश्य करेगें। यदि शिक्षक संगठनों द्वारा यह मांग स्वीकार कर ली जाए तो निश्चित रूप से सम्पूर्ण शिक्षा जगत लाभान्वित होगा और युवाओं को नेतृत्व का भरपूर अवसर मिलेगा।
प्रदेश मंत्री डा0 प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षकों का नेतृत्व कार्यरत शिक्षक नेता द्वारा ही किया जाना चाहिए लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कार्यरत शिक्षकों को आगे नहीं आने दिया जाता। जौनपुर से उठायी गयी शिक्षक नेता की मांग को उनका संगठन अवश्य ही स्वीकार करेगा। मंडल अध्यक्ष सरोज कुमार सिंह ने कहा कि यदि शिक्षक और सांगठनिक हित में किसी भी संगठन द्वारा कोई पहल या मांग उठायी जाती है तो निश्चित रूप से उसका समर्थन किया जाना चाहिए इससे जनपद के शिक्षकों की एकजुटता दिखायी देती है। बैठक का संचालन जिलामंत्री ठाकुर प्रसाद तिवारी ने किया।