एनजीओ का दावा:अतुल को अवसाद या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नहीं थी बीमारी,जारी किया प्रेस नोट

 अतुल जैसे पीड़ितों व अन्य समूह के लोगों को खुश करने के लिए होता था मिलन समारोह व रात्रि भोज,डॉक्टर देते थे सलाह 

हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट 

जौनपुर। मृत इंजीनियर अतुल सुभाष के मामले में सेव इंडिया फैमिली फाऊंडेशन एनजीओ ग्रुप ने मीडिया नोट जारी किया है जिसमें जिक्र किया है कि अतुल सुभाष 19 वर्ष पुराने इस एनजीओ ग्रुप के सदस्य थे जो पुरुषों के लिए बनाया गया सहायता समूह है।मीडिया नोट में लिखा है कि यह पुरुष बनाम महिला का मामला नहीं है। अतुल सुभाष ने आत्महत्या के पहले ग्रुप के सह संस्थापक अनिल मूर्ति,उनके भाई और एनजीओ के अन्य प्रमुख सदस्यों को अपने आत्महत्या करने के फैसले के बारे में मैसेज भेजा।यह संदेश एनजीओ के कई सदस्यों, पुलिस और अन्य सदस्यों को सुबह 4:00 बजे तक पहुंचने लगे। पुलिस ने 7:28 पर अतुल का दरवाजा तोड़ा। एनजीओ ने दावा किया है कि अतुल को किसी भी तरह का अवसाद या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारी नहीं थी। पिछले दो-तीन सालों में मुकदमों की सुनवाई में 120 तारीख पड़ने के कारण उन्हें गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।अतुल की सर्वश्रेष्ठ परामर्शदाताओं,मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, थेरेपी से जुड़े लोगों और एनजीओ के बहुत सारे दोस्तों तक पहुंच थी जो नियमित रूप से उनके जैसे पुरुषों को खुश करने के लिए मिलन समारोह और रात्रि भोज का आयोजन करते थे। तेज कैरियर ग्रोथ, तेज प्रमोशन और बहुत ज्यादा सैलरी अतुल सुभाष के लिए अभिशाप साबित हुई। वह एक महीने में उतना कमा रहा था जितना कई तकनीकी कर्मचारी पूरे साल में कमाते हैं। उसे चिंता थी कि उसे हर महीने दो लाख रुपए गुजारा भत्ता देना पड़ सकता है और अगर उसकी नौकरी चली गई तो क्या होगा?  एनजीओ ने अपना मोबाइल नंबर व हेल्पलाइन नंबर मीडिया नोट में जारी किया है।

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