बाबरी मस्जिद ढहाकर देश में संविधान की जमकर उड़ायी गयी थीं धज्जियां: तूफानी सरोज
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देश भर में बाबा साहब की पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान सरकार संविधान को न मानने वाली सरकार है। बाबा साहब ने संविधान में शोधित, पिछड़े, वंचित को जो हक अधिकार दिया था, आज उस हक अधिकार से यह सरकार वंचित करना चाहती है। आज का दिन हम सभी के लिए बहुत ही दुर्भाग्य का दिन है, क्योंकि जिस दिन बाबा साहब की मृत्यु हुई थी, उसी दिन देश में संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए इस मुल्क की सामंतवादी अवसरवादी ताकतें बाबरी मस्जिद ढहाने का काम किया। मस्जिद ढहा करके बताने का काम किया कि हम देश के संविधान को नहीं मानने वाले लोग हैं जिसको देखते हुए आज हम लोग अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। फलस्वरूप प्रदेश के हर कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ता हाथ में काली पट्टी बांधकर काला दिवस के रूप में बाबा साहब का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है।
बाबरी मस्ज़िद के नाम पर मुसलमानों को बहुत दिन इस्तेमाल किया गया पार्टी को कुछ नया सोचना चाहिए
जवाब देंहटाएंतूफानी सरोज सांसद जी अपनी गाड़ी और कुर्सी के लिए कितना बड़ा महापाप ना करें आप लोग तो ठीक है बाबर से पहले राम आए थे अयोध्या उनका था मंदिर को दहा कर मस्जिद बना देने से मस्जिद नहीं होता है सांसद जी
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