हत्यारोपी नासिर जमाल और अरफी की गिरफ्तारी के लिए पत्रकार का परिवार पहुंचा आईजी के दरबार, खोला कई राज
मालूम हो कि बीते 13 मई को शाहगंज थाना क्षेत्र के सबरहद गांव के निवासी पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की इमरानगंज बाजार में दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। पुलिस ने मृतक पत्रकार के भाई संतोष श्रीवास्तव की तहरीर पर सबरहद गांव के निवासी नासिर जमाल, कामरान उर्फ अरफी समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जिसमें मुख्य शुटर को पुलिस ने इन्काउंटर में ढ़ेर कर दिया तथा तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। लेकिन मुख्य आरोपी नासिर जमाल और अरफी की आज तक न गिरफ्तारी की गयी न ही उनके चल अचल सम्पत्ति की कुर्की हुई।
शुक्रवार को दिवंगत पत्र के भाई संतोष श्रीवास्तव, भतीजा अमित श्रीवास्तव और अर्पित श्रीवास्तव ने वाराणसी जाकर आईजी जोन से लिखित शिकायत करते हुए बताया कि भाई पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की 13 मई 2024 को शूटरों द्वारा गोली मारकर दिनदहाड़ें हत्या कर दी गयी जिसमें मेरे द्वारा थाना कोतवाली शाहंगज मे नामजद तहरीर दिया गया था जिसपर मु0अ0स0 169/2024 बनाम नासिर जमाल व अन्य दर्ज किया गया था वर्तमान मे विवेचना चल रही है। यह बहुत दुःखद है कि घटना हुए 6 माह बीत गये परन्तु अभी तक नामजद अभियुक्त नासिर जमाल, अरफी उर्फ कामरान व अन्य कि गिरफ्तारी नहीं किया जा सका है और न ही उनके खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है। संतोष ने आई को बताया कि नासिर जमाल जो मुम्बई के टाडा का अपराधी रहा है और अरबों की बेनामी सम्पत्ति है जिसके द्वारा ही मेरे भाई की हत्या कराई गयी तथा कामरान अर्फी जो कि नेपाली लडकियों का तस्कर है इन दोनो के खिलाफ अभी तक न तो कुर्की आदेश हुआ और न ही इन दोनो की हुई गिरफ्तारी हुई। इस सम्बन्ध मे गोरखपुर जनता दरबार मे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को अवगत कराया गया परन्तु हर बार स्थानीय प्रशासन द्वारा नामजद आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जाती और हर बार प्रकरण को दूसरी दिशा देने का प्रयास करते है।