हत्या,अप्राकृतिक दुष्कर्म,औरतों से संबंध जैसे आरोपों से था कुंठित,बेटे से न मिल पाने का था गम
लिखा कि सास के जबान पर सरस्वती थी विराजमान और मिला समस्या का हल
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेटजौनपुर ।इंजीनियर अतुल की आत्महत्या के पीछे कई कारण विद्यमान हैं। उसने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट लिखा है कि पत्नी ने दवा इलाज न कराने,उसे प्रताड़ित कर घर से निकालने,10 लाख दहेज मांगने की बात गलत लिखी है जिसकी 40 लाख रुपए तनख्वाह हो वह 10 लाख रुपए की मांग क्यों करेगा।उसने तमाम सबूत दाखिल किए कि पत्नी स्वयं घर छोड़कर गई और उसने ही उसका फ्लाइट व कैब का टिकट बुक कराया था।सबूत कोर्ट में दाखिल किया। बीमारी के समय दो लाख रुपए डॉक्टर को दिखाने की रसीद उसने दाखिल की। उसके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई तो झूठा हत्या का मुकदमा लिख दिया कि दहेज की मांग से सदमे में मौत हो गई। बाद में उस मुकदमे को वापस ले लिया। विवाह विच्छेद का मुकदमा यह कहते हुए दाखिल किया कि उसका तीन- चार औरतों से नाजायज संबंध है।वह उसे शराब पीकर बेरहमी से मारता पीटता है। उससे जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाता है जो कि बिल्कुल निराधार था।वह मुकदमा भी उसने वापस ले लिया। इसके अलावा 2 वर्ष में 40 बार उसे कोर्ट में आना पड़ा।उसे 23 बार वर्ष में छुट्टी मिलती थी लेकिन इतने मुकदमें पत्नी ने कर दिए और इतनी जल्दी-जल्दी तारीख पड़ती थी कि वह कचहरी ही दौड़ता रहा। उसने 3 वर्ष से अपने बेटे से मुझे नहीं मिलने दिया। वह लाखों रुपए बेटे से मिलाने के लिए डिमांड करती थी। इस बात का भी उसे बहुत गम था। जज ने जब उसे चेंबर में बुलाया था तो वहां मौजूद निकिता ने कहा कि तुम क्यों नहीं आत्महत्या कर लेते तो इस पर जज हंसी। इस पर उसे बहुत शाक लगा। यह घटना 21 मार्च 2024 की है। इसके बाद 10 अप्रैल 2024 को जब वह कोर्ट में पेशी पर गया तो कोर्ट के बाहर उसकी सास निशा ने कहा कि तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया। मुझे लगा आज तुम्हारी सुसाइड की खबर आएगी। उसने कहा कि मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी। तब सास निशा मुस्कुराई और कहा कि तब भी चलेगी। तुम्हारा बाप पैसे देगा। तेरे मरने के बाद तेरे मां-बाप भी जल्दी मरेंगे। उसमें भी बहू का हिस्सा होता है। इस पर अतुल बहुत निराश हुआ। उसने लिखा कि मेरी सास की जबान पर उस समय सरस्वती विराजमान थी। मेरी सास ने सारी समस्या का हल उसे दे दिया था। वह पहले से कोर्ट के चक्कर लगाते लगाते थक चुका था और उसे लगा की आत्महत्या करके वह अपने परिवार को उत्पीड़न से बचा लेगा। इसके अलावा जज ने जब ₹40,000 बेटे को देने का आदेश दिया उसे लगा कि उसके पैसे का इस्तेमाल करके यह लोग उसे और परिवार को प्रताड़ित करेंगे। यही सब कारक थे कि अतुल ने अंतत: आत्महत्या कर लिया।