अब मेरी लाश पहुंचेगी दीवानी
दूसरे वीडियो में बार अध्यक्ष,मंत्री व एसपी को संबोधित कर रोए
पड़ोसी आरोपियों के अलावा लेखपाल, कानूनगो, सकलदीप एसआई पर लगाए थे गंभीर आरोप
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर ।दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता मनोज सिंह 24 दिसंबर की घटना के एक दिन पूर्व आरोपियों ने फोर्स के सामने बुरी तरह मारा पीटा था।अपना दर्द रोते हुए बयां करते हुए 6 मिनट 53 सेकंड का वीडियो उन्होंने अध्यक्ष,मंत्री,पुलिस अधीक्षक को संबोधित करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला था। वीडियो में कहा था कि मैं डॉ मनोज कुमार सिंह एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर का स्थाई अधिवक्ता हूं। श्रीमान जी अध्यक्ष एवं मंत्री जी अवगत कराना चाहता हूं ।कल हमारे घर पर पैमाइश हो रही थी जिसमें थानाध्यक्ष खुटहन से बात करके तब गए थे जो कि वह फोर्स दिए थे। फोर्स के बावजूद जब वहां हमारे जमीन में हिस्सा देने लगे तब हमने विरोध किया इसके बाद वो लोग लात घूंसा से हमको बुरी तरह मारे। उल्टा हमको मुकदमे में फंसना चाह रहे हैं। उसमें एक सकलदीप एस आई है जो हमारा पेड़ कटवाया है। वह भी उन लोगों की मदद कर रहा है। थानाध्यक्ष से बात किया उन्होंने कहा ठीक है, वकील साहब मैं फोर्स दे दे रहा हूं। फोर्स होने के बावजूद सांवले सिंह पुत्र रामसुंदर सिंह, अरविंद सिंह पुत्र रामसुंदर सिंह,पवन कुमार सिंह पुत्र रामसुंदर सिंह,अजय सिंह,रितिक सिंह पुत्र अरविंद सिंह, युवराज सिंह नाती सांवले सिंह, पंकज सिंह पुत्र सांवले सिंह,नीरज कुमार सिंह पुत्र सांवले सिंह और अनिल कुमार सिंह पुत्र डॉक्टर इंद्रसेन सिंह की मिली भगत से लेखपाल ने जबरदस्ती हमारे नंबर में एक बिस्वा जमीन दे रहे थे तो उसी में विरोध कर दिए जो सुलहनामा की कॉपी थी हमने फाड़ दिया। हम कहे यह विवादित जगह है जब तक हमारा हिस्सा नहीं फाइनल होगा तब तक हम इस पर सहमत नहीं होंगे। कौन सा मुंह लेकर दीवानी न्यायालय आऊंगा। सुबह हमारी लाश दीवानी में पहुंचेगी। आप लोगों से यही दुआ है एक अधिवक्ता के साथ ऐसा गलत व्यवहार किया गया है। हमारे अध्यक्ष जी और हमारे मंत्री जी और पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता लोगों से मैं कहना चाह रहा हूं। इसको संज्ञान में लें कि एक अधिवक्ता को इतनी बुरी तरह से मारा गया है। गांव के पंच लोग देख रहे थे और फोर्स भी थी। फोर्स भी नहीं थाम पाई। इसके बाद हमारे चाचा विजय बहादुर सिंह 72 साल की उम्र के थे। उनको गिरा- गिरा कर मारे हैं और इसके बावजूद भी विपक्षी अभी थाने जाकर तहरीर दे रहे हैं , वहां कम से कम सैकड़ो पंच थे। हमने कुछ नहीं किया था अब विपक्षी कह रहे हैं कि हमारी मां को धकेले हैं।यही वजह बताकर थाने पर तहरीर दे रहे हैं। अब इन्हें हम क्या कहें। अब अध्यक्ष जी और मंत्री जी, पुलिस अधीक्षक महोदय अब सुबह हमारी लाश मिलेगी आपको। मैं तो देश दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा इसलिए रात में सबको सूचित कर दे रहा हूं। इसमें एक सकलदीप एस आई है ,वह भी बदमाशी कर रहा है।हल्का लेखपाल संजय सिंह जो विवादित जमीन है उसमें उनको क्यों दे रहे थे। यह भी गलत कर रहे थे जो तीसरे पक्षदार थे उन लोगों को दे रहे थे, जो की धारा 24 लग गई थी उसमें आपत्ति हो गई थी और वह कैंसिल हो गया। फिर से धारा 24 का मुकदमा खड़ा हुआ। उसके बाद अब यह लोग अकेला पाकर बुरी तरह से मुझे मारपीटे। हमारे चाचा का लड़का छुड़ा रहा था ।भाई तो हमारा विभीषण निकला है एक अमरनाथ सिंह है, उनके शह पर यह सब हो रहा है ।लिहाजा लेखपाल व पूर्व कानूनगो अखिलेश चंद्र यादव और सकलदीप सिंह एस आई के विरुद्ध कार्रवाई होगी ।सुबह हमारी लाश मिलेगी आप लोगों के सामने। बस इससे ज्यादा मैं नहीं कहूंगा। अध्यक्ष जी और मंत्री जी इसको ग्रुप में डाल दे रहा हूं। आप लोग कहेंगे बार-बार आपका विवाद आता है। इसीलिए आज हम 2 महीने से चुप थे ।हम कुछ नहीं कह रहे थे कि आप लोग कहेंगे कि तुम्हारा ही बार-बार विवाद आता है। हमारी जमीन चली जाए इसके बाद हम संतोष करें। हमारे नाम की भूमिधरी है। वह लोग दो बीघा,तीन बीघा कब्जा किए हैं। उसी को लेकर सब लोग हमको बुरी तरह से मारे पीटे फोर्स के सामने ।सकलदीप एस आई वह भी आकर ....।हम तो किसी तरह निकल कर भाग कर आए हैं ।वहां से नहीं भाग होते तो यह लोग जान से मार देते। सांवले सिंह बुजुर्ग होकर समझाने के बजाय मार रहा था। हमारे चाचा 72 साल के थे। उनको भी मारा। अब इससे आगे कुछ नहीं कहेंगे। सुबह हमारी लाश दीवानी न्यायालय कैंपस में पहुंचेगी। हम तो जा नहीं रहे थे। एस एच ओ से बात करके तब गए। वह फोर्स भी दिए एस एच ओ साहब ठीक हैं। सकलदीप एस आई हमारा आम,सीसम और नीम का पेड़ कटवाया सब कटवाकर शिनाख्त मिटवा दिया।