माफ़िया का बदलता स्वरूप:पैसे के सामने बेबस पुलिस- प्रशासन
-भू माफ़िया शत्रु संपत्ति की सरकारी जमीन पर भी चील की तरह मार रहे झपट्टा, कोर्ट के स्थागनादेश हों या प्रशासन के आदेश को मातहत दिखा रहे ठेंगा, क्योंकि कड़ाके की सर्दी में उनकी मुठ्ठी है गरम l
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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जौनपुर/लखनऊ, (तहलका न्यूज नेटवर्क)l यह रिपोर्ट पढ़ने के दौरान इसमें दी गई जानकारी पर कुछ लोगों को हैरत होगी लेकिन यह सच है कि जौनपुर जनपद अन्य जिलों में चल रहे घपले और भ्रष्टाचार के मामले में बड़े उदाहरणों के जरिये प्रदेश में अगुआई करने का रेकॉर्ड बनाता जा रहा है l प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते आपराधिक माफ़िया तो विलुप्त प्राय हैं लेकिन चिकित्सा, शिक्षा, ड्रग, सूदखोर, मिलावटी खाद्य पदार्थ, जमीन, सर्राफा समेत इंसान के जीवन से जुड़ा कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है जो माफ़िया और उनके स्लीपर सेल से बचा हो l
दरअसल घूसखोरी का परिस्कृत स्वरूप सुविधा शुल्क की शक्ल ले चुका हैl जैसे बिना पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट बनने में अड़चन लग जाती है, लेकिन कम से कम पांच सौ रुपये सुविधा शुल्क मिलने के बाद इस काम के रास्ते में आने वाला रोड़ा खत्म हो जाता है l नियम की बात करने वाला व्यक्ति दफ्तरों के चक्कर कटता रह जाता है l अब मुख्यमन्त्री भले ही ईमानदार संत हैं लेकिन उनके नीचे काम करने वाले बड़े नौकरशाहों की हर सुविधा का ख्याल जिलों में तैनात नौकरशाही को करना ही पड़ता हैl जाहिर है इसके लिए कानून से इतर उन्हें काम करना पड़ेगा !
अब जौनपुर की बानगी देखिए, यहां सिकरारा ब्लॉक क्षेत्र में एक डिग्री कॉलेज वर्षों से दूसरे गाँव की नवीन परती और ग्राम समाज की जमीन पर आबाद है l यहां कई विषयों की मान्यता के आवेदन पर हुई जांच में कमेटी ने संसाधन विहीन बताया तो मान्यता आवेदन रद्द हो गया लेकिन पूर्वांचल विवि प्रशासन ने दूसरी कमेटी के अनुमोदन पर मान्यता प्रदान कर दी l अब प्रबन्धतंत्र सेमेस्टर एग्जाम के विवि नियम और विवादित जमीन पर हाईकोर्ट के स्थागन आदेश को धता बताकर भवन निर्माण दिन रात करा रहा है l जबकि इसी जमीन को अवैध पाते हुए पिछले साल दो करोड़ आठ लाख 74 हजार जुर्माना सदर तहसीलदार और एसडीएम के आदेश में विवादित भवन को ध्वस्त करने का भी फैसला था l इसके खिलाफ मामला हाईकोर्ट गया तो वहां से स्थगन आदेश हो गया l मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है lइसके बावजूद उसी अवैध भूमि पर निर्माण जारी है l
दिलचस्प ये है कि सेल्फ फाइनेंस से मिले विषयों की मान्यता में बनने वाले भवन के लिए कॉलेज के पास इसके मद का पैसा खत्म होने के बाद प्रायोगिक परीक्षा के मद से पैसे निकालने को लेकर प्राचार्य अचानक तब छुट्टी पर चले गए जब सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं l विवि के परीक्षा नियंत्रक को मिली शिकायत पर जांच करने पहुंचे सचल दल ने 29 दिसम्बर को प्रथम पाली सुबह 8 से 11 बजे 31 छात्रों में एक सेल फोन से नकल करते पकड़ा गया l परीक्षा में यह भी नियम है कि केंद्राध्यक्ष के अलावा कोई भी प्रबन्धन का व्यक्ति कॉलेज में नहीं रहेगा लेकिन यहां प्रबन्धक भवन निर्माण के बहाने मौजूद रहते हैं l परीक्षा तीन जनवरी 2025 तक चलेगी तब तक प्राचार्य छुट्टी पर हैं l इसका विस्तृत अगली कड़ियों में मिलता रहेगा l
दूसरी ओर शहर के चांदमारी इलाके में शत्रु संपत्ति की जमीन पर धड़ल्ले से निर्माण चल रहा है जबकि इसपर सिटी माजिस्ट्रे ने रोक लगाई है फिर भी पैसे के बल के आगे कानून बौना साबित हो रहा है l इसके अलावा बड़े पैमाने पर दवाओं में घपला, फर्जी डिग्री वाले और बिना डिग्री वाले चिकित्सक बेखौफ मरीजों की जान पत्ते पर लिए फ़िर रहे हैंl दवाओं पर बढ़ी एम आर पी हो या नकली दवा हो इससे मुकाबला सराफा मण्डी में चल रही धांधली से चल रहा है l बेसिक से लेकर, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में भी माफ़िया के स्लीपर सेल मौजूद हैंl पुरोहित गैंग भी इसी का बड़ा हिस्सा हैl मसाज पार्लर इनका उपकरण है और काल गर्ल के दलाल इनके स्लीपर सेल हैं l इनके पैतरे निरंतर बदलते रहते हैं l इस तरह के सभी क्षेत्रों के माफ़िया पर तहलका न्यूज नेटवर्क की नज़र से पड़ताल चल रही है l