अधिवक्ता ने दिया कोर्ट में प्रार्थना पत्र, कहा अतुल की हो चुकी है मौत, नहीं आ सकते माता-पिता
कोर्ट ने मृत्यु की आख्या के लिए 12 जनवरी तिथि किया नियत
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर: बेंगलुरु में निजी कंपनी के उप महाप्रबंधक रहे अतुल सुभाष के दहेज उत्पीड़न के मामले में एसीजेएम प्रथम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की तिथि तय थी। मंगलवार को अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर लिया। इस दौरान मृत अतुल सुभाष के अधिवक्ता सुशील राय ने गुरुवार को दोपहर 12 बजे कोर्ट में पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया। इसमें कहा कि अतुल की मृत्यु हो चुकी है। अन्य आरोपित उसके पिता, माता व भाई उसकी अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद घर पर क्रिया कर्म में व्यस्त हैं। इसलिए उनका आना संभव नहीं है। उन्होंने अतुल की मृत्यु के संबंध में रिपोर्ट मंगाने की मांग की। एपीओ ने रिपोर्ट लगाया की अतुल की मृत्यु आख्या थाने से मंगाई जाए जिससे अगली तिथि पर अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हो सके तत्पश्चात गवाही हो सके। कोर्ट ने सायं 5:00 बजे 12 जनवरी तिथि नियत किया। सरकारी वकील ने बताया कि नियत तिथि पर मृत्यु आख्या संबंधित थाने के माध्यम से मंगाई जाएगी।
पूर्व में जौनपुर नगर के रूहट्टा व वर्तमान में मधारेटोला निवासी निकिता सिंघानिया ने पति अतुल सुभाष, सास अंजू, ससुर पवन व देवर विकास के खिलाफ 24 अप्रैल 2022 को दहेज उत्पीड़न व अन्य धाराओं में कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। आरोप तय होने के लिए 12 दिसंबर तिथि नियत हुई। सुनवाई एसीजेएम प्रथम कोर्ट में चल रही है। इसमें निकिता ने आरोप लगाया था कि 26 अप्रैल 2019 को उसकी शादी अतुल से हुई थी। शादी के बाद अतुल, उसके पिता पवन,माता अंजू व भाई विकास दहेज में 10 लाख रुपये की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। पति शराब पीकर मारपीट व हैवानियत करता था। 16 अगस्त 2019 को मायके जाकर 10 लाख रुपये मांगे। अगले दिन उसके पिता की आघात से मौत हो गई। 17 मई 2021 को अतुल ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया तब से वह मायके में है।