जन्म प्रमाण पत्र: तहसील ब्लाक के पेंच में फसता प्रमाण पत्र
https://www.shirazehind.com/2024/12/blog-post_177.html
तहसील व ब्लॉक का काट रहे चक्कर जेब हो रही खाली
तहसील में कार्यालयों के सिस्टम में फसता जन्म प्रमाण पत्र
शाहगंज जौनपुर। जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र वर्तमान समय में एक नया तहसील और ब्लॉक का चक्कर लगाने का माध्यम बन गया है। जबकि प्रदेश में ग्राम स्तर पर भी ग्राम सचिवालय कार्यालय बने हुए हैं। आधार बनवाने, नाम संशोधन में जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने अभिभावकों को जैसे सांसत में डाल दिया हो। जन्म प्रमाण पत्र आवेदन के बाद कुछ तहसील व ब्लॉक का चक्कर काट रहे हैं। तो कुछ स्वास्थ्य विभाग कर्मियों के बीच भाग रहे हैं। आधार न बन पाने के कारण परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के यूनिफॉर्म का पैसा डीबीटी के माध्यम से खाते में नहीं जा रहा है। जैसे अनिवार्य जरूरत के लिए जन्म प्रमाण पत्र बाधा बनता नजर आ रहा है। ज्ञात हो कि फर्जीवाड़ा को देखते हुए, अब जन्म प्रमाण पत्र होना आवश्यक कर दिया गया है। यही बदलाव स्वास्थ्य विभाग व राजस्व कर्मियों के लिए कमाई का माध्यम भी बन गया है। छोटे बच्चों का और बड़े बच्चों का अलग-अलग नियम से रिपोर्ट लगाने का सिस्टम भी दिक्कतों का माध्यम बनता चला जा रहा है। अगर किसी की उम्र अधिक है और वह आधार में संशोधन करना चाह रहा है तो पैसे देने और खर्च करने के साथ ही तहसील व ब्लॉक का चक्कर भी काटना पड़ रहा है। शपथ पत्र उप जिलाधिकारी कार्यालय में जमा करने के बाद कुछ दिवस बाद वह शपथ पत्र ब्लॉक कार्यालय जाता है। जिसके बाद सेक्रेटरी रिपोर्ट लगाकर फिर तहसील भेजते हैं। ऐसे में विलंब होना स्वाभाविक है। फिर प्रार्थी तहसील के कई कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी अपने को असहाय एहसास करता है। जिसके कारण जन्म प्रमाण पत्र के शपथ पत्र कई महीनो से तहसील में जमा है परंतु उसका कोई रिपोर्ट वर्तमान समय में भी नहीं पहुंचा है। फिर भी सक्षम अधिकारी शांत है।