डा0 जंगबहादुर सिंह को मिला राज्य शिक्षक पुरस्कार, झूूूम उठा जिला
, बधाईयां देने वालों का लगा ताता ,
यह सम्मान मिलने पर डा0 जंगबहादुर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माध्यमिक शिक्षा मंत्री और विभागीय अधिकारियों को दिया धन्यवाद
जौनपुर। जीर्ण-शीर्ण विद्यालय को सजा सवारकर सुन्दर, भव्य और गुणवक्तायुक्त शिक्षण का माहौल बनाने के लिए जनक कुमारी इण्टर कालेज हुसेनाबाद के प्रिंसपल डा0 जंगबहादुर सिंह को राज्य पुरस्कार मिला है। यह गुड न्यूज मिलते ही जिले में शिक्षा जगत से लेकर हर क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। भारी संख्या में लोग सोशल मीडिया से लेकर उनके स्कूल और घर जाकर बंधाईयां देना शुरू कर दिया है। सभी लोग प्रिंसपल के कार्यो की तरीफ कर रहे है। माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक रमेश सिंह ने कहा कि यह मेरे जनपद के लिए गौरव की बात है। जंगबहादुर सिंह इस पुरस्कार के लिए सबसे योग्य थे। जंगबहादुर सिंह की मेहनत और लगन के कारण इस विद्यालय के छात्र हर क्षेत्र में उम्दा प्रर्दशन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का नाम रौशन किया। उधर जंगबहादुर सिंह ने यह सम्मान मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माध्यमिक शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों धन्यवाद दिया है।आपसे मिलती शिक्षा ऐसी, जो जीवन को संवारती हैै। संघर्षो की राह बताकर आगे बढ़ना सिखलाते, शिक्षक तुम हो महान जीवन में रोशनी लाते हो। यह लाइने जनक कुमारी इण्टर कालेज हुसेनाबाद के प्रिंसपल जंगबहादुर सिंह पर सटीक बैठ रही है। जंगबहादुर सिंह जहां एक कुशल शिक्षक है वही विद्यालय परिवार के लिए आंखों के नूर भी है। उक्त बाते प्रिंसपल के लिए हम इस लिए कह रहे है कि उन्होने अपने 12 वर्षो के कार्यकाल में जहां स्कूल में पठन-पाठन की गुणवक्ता को सुधारा वही विद्यालय भवन को भब्य और सुन्दर बनाकर जिले का सबसें खूबसूरत शिक्षा का मंदिर स्थापित किया। इस विद्यालय के कोई पुरातन छात्र जब इस परिसर में आते है तो स्कूल का भवन देखते ही उनके मुंह से बस एक ही अल्फाज निकलता है वंडरफूल ।
नगर के हुसेनबाद मोहल्ले में सन् 1953 में जिले के प्रख्यात चिकित्सक डा0 कमलाकांत वर्मा की पत्नी जनक कुमारी वर्मा ने बाल शिक्षा निकेतन के नाम से स्कूल की स्थापना की थी। उस दौर में जिला का यह पहला कांवेंट स्कूल था। शुरूआती दौर से पढ़ाई लिखाई अच्छी होने के कारण जिले के आला अफसरों,डाक्टर्स और बड़े व्यापारियों के बच्चें इसी स्कूल में पढ़ते थे। इस स्कूल का संचालन खुद जनक कुमारी ही करती थी। उनके दिवंगत होने के बाद इस स्कूल का नाम के आगे जनक कुमारी बाल शिक्षा निकेतन कर दिया गया। इण्टर की मान्यता मिलने के पश्चात इस विद्यालय का नाम जनक कुमारी इण्टर कालेज हो गया। प्रिंसपल रेहाना बेगम के कार्यकाल तक पढ़ाई की गुणवक्ता और अनुशासन चुस्त दुरूस्त रहा । उसके बाद धीरे-धीरे पढ़ाई लिखाई का स्तर कम होने लगा क्लास रूम जरजर हो गये जिसके कारण अच्छे परिवारों के बच्चों का मोहभंग होता चला गया।
जंगबहादुर सिंह ने पढ़ाई लिखाई, सफाई और अनुशासन समेत चहुमुखी विकास पर विशेष ध्यान दिया जिसके कारण यह स्कूल जिले में टॉप हो गया है। जंगबहादुर सिंह की मेहनत और लगन के कारण इस विद्यालय छात्र हर क्षेत्र में उम्दा प्रर्दशन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का नाम रौशन किया।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण प्रधानाचार्य डा0 जंगबहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा है। यह खबर मिलते ही जिले में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। डा0 जंगबहादुर ने प्रदेश का सर्वश्रेठ पुरस्कार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माध्यमिक शिक्षा मंत्री समेत पूरे विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया है।