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गुरुवार, 21 नवंबर 2024

छात्राओं को बताया गया गुड टच और बैड टच का अंतर

 

जौनपुर। मिशनशक्ति योजना फेज 5 के अन्तर्गत गुरुवार को सल्तनत बहादुर पी जी कालेज बदलापुर में गुड टच एवं बैड टच में अंतर समझने के लिए इन कुकृत्यों से सावधान रहने के लिए छात्र/छात्राओं को जागरूक करने के लिए व्याख्यान कार्य क्रम का आयोजन मिशन शक्ति संयोजक डा पूनम श्रीवास्तव हिंदी विभाग द्वारा करवाया गया। जिसमें मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभाग के सहायक आचार्य डा बृजेश मिश्रा ने महाभारत प्रसंग में से गंगा माँ तथा महायोद्धा पुत्र भीष्म पितामह के माध्यम से करुणा और कर्तव्य जैसे भाव पर प्रकाश डालकर छात्र/छात्राओं को जागरूक किया तथा भोजपुरी लोकगीत के माध्यम से समाज में बालक बालिका की स्थिति पर  हृदय स्पर्शी बिम्ब उपस्थित किया।

 विदुषी डा रेखा मिश्रा मिशन शक्ति सक्रिय सदस्य विदुषी डा किरन यादव मिशन शक्ति सक्रिय सदस्य, विदुषी डा अपर्णा सिंह मिशन शक्ति सक्रिय सदस्य ने अपने विचार उद्गार से जागरूकता अभियान को सफल बनाया। डा रेखा मिश्रा ने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि आपको साहस से हर स्थिति का सामना करने के लिए सतत् तैयार रहना चाहिए। 

मिशन शक्ति संयोजक डा पूनम श्रीवास्तव ने गुड टच और बैड टच में अंतर समझाते हुए बताया कि करुणा संवेदना के साथ आवश्यक है कि चुप्पी तोड़ो मुह खोलो जैसी सूक्ति पर अमल करो स्वयं को जागरूक और मजबूत बनाने का प्रयास करो। स्त्री स्वयं को व्यक्ति समझे समाज उसे व्यक्ति समझने लगेगा। 

कार्य क्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुनील प्रताप सिंह ने बताया कि शासन द्वारा अनेक सुरक्षा नंबर प्रदान किया गया है जैसे 1090,112 आदि। इन सभी की सहायता से गलत का विरोध करने में और सक्षम हो सकती है छात्राएँ। 

मिशन शक्ति योजना के सक्रिय सदस्य डा कर्मचन्द यादव ने नारी शिक्षा स्वावलम्बन हेतु उत्साह वर्धन करते हुए गुड टच बैड टच में अंतर समझाया। छात्रा अंजली ने श्रेया मौर्या ने कार्य क्रम का संचालन किया। महाविद्यालय की छात्रा आरती मौर्य, आरती प्रजापति श्रेया गुप्ता तथा काजल, खुशी मोदनवाल छात्र गौरव जायसवाल, सिद्धार्थ तिवारी,गौरव जायसवाल ,दुर्गेश सिंह ,सचिन शुक्ला ,विशाल साहू ,सिद्धार्थ तिवारी समेत अनेक छात्र/ छात्राओं ने विविध कार्य क्रम जैसे गीत व्याख्यान आदि प्रस्तुत किया। 

‌सरस्वती वन्दना करके  शिल्पा यादव, काजल उपाध्याय, श्रेया मौर्या ने अपने मधुर कंठ से कार्य क्रम को और भी रूचिकर बनाया।

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