केराकत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने भरी हुंकार
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टाईवीर नाला पुलिया
उपजिलाधिकारी को पत्रक सौंप आमरण अनशन की दी चेतावनीजिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की उठायी मांग
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के औरी गांव के समीप स्थित टाईवीर जर्जर पुलिया पर हो रही भीषण सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर केराकत संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल सोनकर गांगुली की अध्यक्षता में लगभग एक दर्जन पदाधिकारियों ने बुधवार को उपजिलाधिकारी सुनील भारती से मिलकर पत्रक देकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील किया।
आरोप है कि टोल कलेक्शन में मुनाफे के लिये एनएचएआई के अधिकारी व पुलिस प्रशासन जर्जर पुलिया के बीचो-बीच लोहे का पिलर लगवा दिया जिसके चलते दो वर्षों में लगभग दो दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं में एक दर्जन से अधिक लोग जान गवा चुके है। पुलिया पर हो रही दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है। संभवतः यह कृत टोल संचालकों के प्रभाव में उक्त पुलिया का नवनिर्माण नहीं कराया जा रहा है। लोहे के पिलर के अवरोधकों से घटनाओं की पुनरावृति रोकने व जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। साथ ही फरीदपुर-बरेली को जाने वाली सड़क पर रामगंगा नदी पर अर्धनिर्मित पुल पर आवागमन रोकने हेतु संकेतक/रिप्लेक्टर नहीं लगने के कारण घटित जानलेवा दुर्घटना जैसी घटना टाईवीर पुलिया पर न घट सके। इसको देखते हुए अगर एक माह के अन्दर क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण नहीं किया गया तो केराकत संघर्ष समिति आम जनमानस को लेकर धरना प्रदर्शन के साथ आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
विदित हो कि रविवार की देर रात्रि टाईवीर पुलिया पर दो वाहन सड़क के बीचो-बीच लगे लोहे के पिलर से टकरा जाने से दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गये। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भड़क उठा जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस सड़क के बीचो-बीच लगे लोहे के पिलर को हटवा दिया। इस अवसर पर समिति के फौजी सुबास यादव, सर्वेश दीक्षित, विजय यादव, वकील अंसारी, हंस कुमार सोनकर, आशुतोष सिंह, मनोज गुप्ता समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।