हादसों का गवाह बनता जा रहा टाईवीर बाबा पुलिया, जिम्मेदार बेखबर
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सड़क के बीचो—बीच लगे लोहे के पिलर से टकराने से दो वाहनों के उड़े परखच्चे
आये दिन हो रही दुर्घटनाओं का जिम्मेदार आखिर कौन?
घटना के बाद लगा रहा जाम, पुलिसकर्मियों ने हटवाया
घटना के बाद लगा रहा जाम, पुलिसकर्मियों ने हटवाया
केराकत से विनोद कुमार की खास रिपोर्ट
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के औरी गांव में स्थित टाईवीर नाले पर बनी पुलिया पर देर रात्रि साढ़े नौ बजे जर्जर पुलिया के बीचो-बीच गाटर के पोल में सुल्तानपुर से वाराणसी बारात लेकर जा रही एमजी हैक्टर और स्कार्पियो की भिड़ंत हो गई। भिड़ंत में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। देखते ही देखते सड़क पर लंबा जाम लग गया।
गनीमत रही कि दोनों कार का एयरबैग समय पर खुल जाने से सवार सभी लोगों को मामूली चोटे आयी। बहरहाल घटना के बाद लगे भयंकर जाम को बड़ी मशक्क्त से पुलिसकर्मियों द्वारा समाप्त कराकर आवागमन को सुचारू रूप से चालू कराया गया। वहीं टाईवीर नाले पर आयेदिन हो रही दुर्घटनाओं के संबंध में उपजिलाधिकारी सुनील भारती से वार्ता किया गया तो कुछ भी बोलने से कतराते रहे। साथ ही कहा कि उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है। बुधवार को कलेक्ट्रेट में एनएचएआई के अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता होनी है। वहीं उक्त पुलिया के संबंध में वार्ता किया जायेगा।
बता दें कि टाईवीर नाले की पुलिया का निर्माण ब्रिटिश हुकूमत में बनाया गया था। दो साल पूर्व ही एनएचआई द्वारा जर्जर घोषित कर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक हेतु सड़क के बीचो-बीच लोहे के पिलर लगा दिये गये जिसके बाद से ही नाले की पुलिया पर वाहनों के दुर्घटना का सिलसिला शुरू हो गया। अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं होने के साथ ही लगभग दर्जनों मौतें हो जाने के बाद भी प्रशासन कुम्भकरणीय निद्रा में सोया हुआ है जबकि यह मार्ग जनपद मुख्यालय समेत गाजीपुर, वाराणसी व आजमगढ़ को भी जोड़ता है। बावजूद इसके भी जनप्रतिनिधि के साथ जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट ना होना बड़ा सवाल खड़ा करता है। आखिर आये दिन हो रही दुर्घटनाओं का जिम्मेदार किसे कहा जाय?
दुर्घटनाओं से क्षुब्ध होकर ग्रामीणों ने सड़क पर किया प्रदर्शन
टाईवीर पुलिया पर आये दिन हो रहे दुर्घटना से स्थानीय ग्रामीणों में रोष का माहौल व्याप्त है। जैसे ही दो वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर हुई तो प्रातः टाईवीर पुलिया पर पहुंच पुलिया पर लगाये गये लोहे के पिलर के पोल को हटाने के लिये प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन की खबर होते होते आनन—फानन में मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने पुलिया के बीचो-बीच लगे गाटर को उखड़वाकर प्रदर्शन शांत कराकर आवागमन को सुचारू रूप से चालू कराने के बाद राहत की सांस ली।
जर्जर पुलिया की समस्या को विधानसभा में उठाया जा चुका है: तूफानी सरोज
टाईवीर नाले की पुलिया पर हुए दो वाहनों के दुर्घटना के बारे में क्षेत्रीय विधायक तूफानी सरोज से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा के प्रश्नकाल में हमने छः माह पहले ही टाई नाले की जर्जर पुलिया की समस्या को उठाया था तो यहां के पीडब्ल्यूडी इंजीनियर द्वारा जो ज़बाब दिया गया, वह विधानसभा के माध्यम से हमें अवगत कराया गया कि यह मामला एनएचआई को सुकृत हो गया है, इसलिए हम लोग कोई काम नहीं करा पा रहे हैं। इसके जवाब में हमने कहा कि एनएचआई में काम सुकृत हो गया है परंतु जब तक एनएचआई काम करेगा, समय लगेगा, तब तक के लिए कोई ऐसा रास्ता निकाल दे कि आये दिन हो रही दुर्घटनाओं पर रोक लग सके जिस पर उन्होंने कहा था कि इस पर हम लोग विचार करेंगे।
रोड के लिये किसानों व क्षेत्रीय जनमानस के साथ किया जायेगा महाआन्दोलन: किसान नेता
किसानों के मुद्दे को लेकर संघर्ष करने वाले किसान नेता अजीत सिंह डोभी ने कहा कि केराकत तहसील अंतर्गत लगभग हजारों की संख्या में दुर्घटनाये हो रही और लगभग सैकड़ों लोगों की जान चली गई है। वहीं टाईवीर बाबा पुलिया के जर्जर होने से प्रत्येक दिन दुर्घटना होती है। शासन—प्रशासन को अवगत कराया गया, फिर भी शासन-प्रशासन इस पर कोई कार्य नहीं करती है। सड़क विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग को कितनी बार सूचना दिया गया। उसके बावजूद भी उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। आज जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों के साथ मेरी मुलाकात होनी है। इस विषय पर चर्चा करके एक सप्ताह का समय दिया जायेगा। अगर एक सप्ताह के भीतर दुर्घनाओं पर रोकथाम के लिए शासन—प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसानों व क्षेत्रीय जनमानस द्वारा महा आंदोलन किया जाएगा।
आये दिन हो रहे दुर्घटनाओं से आम जनमानस आक्रोशित: अनिल गांगुली
केराकत संघर्ष समिति के पदाधिकारी अनिल सोनकर गांगुली ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत की सरकार में यह पुल बनकर तैयार हुआ है। एनएचआई द्वारा पुल को जर्जर घोषित किए लगभग दो साल के ऊपर हो गया है। तब से लेकर आज तक ना ही स्थानीय प्रतिनिधि द्वारा इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया। न ही पूर्व सांसद, वर्तमान सांसद व वर्तमान विधायक द्वारा जबकि यह मार्ग जौनपुर के लिए यह मुख्य मार्ग है जो जौनपुर—गाजीपुर मार्ग को जोड़ता है। आये दिन हो रही दुर्घटनाओं से आम जनमानस रोष का माहौल व्याप्त है।एक माह के अंदर अगर रोड नहीं बनवाया गया तो केराकत संघर्ष समिति महा आंदोलन को बाध्य होगी जिसकी जिम्मेदारी शासन—प्रशासन की होगी।
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