ऑपरेशन यमराज: जन्म से लेकर श्मशान तक 'जीवन रक्षक' दलालों की पौ बारह

मेडिकल स्टोर लाइसेंस के लिए चल रहा रेट शेयर और सर्राफा कारोबार को दे रहा मात, नकली और प्रतिबन्धित दवाएं बेचने की छूट लेना है अनिवार्य, यहीं से तय होता है महीनेवार सुविधा शुल्क l

-ईमानदार सीएमओ को भनक भी नहीं लगने देते हैं उनके मातहत, 35 रुपये का कफ सीरप लिखने और बेचने वाले लुप्तप्राय, ब्रांडेड और जीवन रक्षक दवाएं भी गायब, डॉक्टर खुद एमआरपी करा रहे l

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-कैलाश सिंह-

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लखनऊ/जौनपुर, (तहलका विशेष)l उत्तर प्रदेश में जब से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मुख्यमन्त्री बने हैं तब से पहले पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में लगाया लेकिन दूसरे कार्यकाल में जब उन्होंने सख्ती से शासन करना शुरू किया और विकास पर बल दिया तब से अधिकतर महकमों के घपलेबाजों में अफरातफरी मची हैl बगैर पैसा लिए आम जनता का कोई भी काम नहीं हो रहा है, यहाँ तक कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए भी पुलिस को मिनिमम पांच सौ रुपये देने पड़ते हैं l खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने वाले ही 'मिलावट' कराते हैं, बदले में उन्हें  हफ्ते के रूप में हर महीने बंधी रकम देनी ही पड़ती हैl इलाज के मामले में हर आम और खास इंसान झोलाछाप ही नहीं, नीम- हकीम के आगे भी ईष्टदेव मानकर नतमस्तक हो जाता है l जब से मुख्यमन्त्री ने 'झोलाछाप' के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है तब से 'निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों' के वजीर बने घपलेबाज उन चूहों की तरह बिलबिला रहे हैं जैसे उनकी बिल में पानी भरता है l

हमारी इस रिपोर्ट में भी बानगी तो जौनपुर की है लेकिन ऐसी ही स्थिति कमोबेश प्रदेश के सभी जनपदों में मिलेगी, क्योंकि नकली व प्रतिबन्धित दवाएं ही नहीं, निजी प्रैक्टिस वाले चिकित्सक तो एमआर की छुट्टी कर अथवा उनके माध्यम से अपने अस्पतालों में खपत होने वाली सस्ती दवाओं की 100 गुना महंगी एमआरपी कराके धड़ल्ले से बेच रहे हैं l इसकी जाँच का जिम्मा जिनके कन्धों पर है वह खुद वहाँ से वेतन के रूप में महीना लेने जाते हैं l जिले का नईगंज इलाका दवाओं के तस्करों का अड्डा उसी तरह बन चुका है जैसे सर्राफा के तस्करों का 'ठीहा' गोमती किनारे का हनुमान घाट है l

जिले में दवाओं के कारोबार में हाथ आजमाने वालों की सहूलियत के लिए ही फुटकर का लाइसेंस कागजी खानापूर्ति और उपर्युक्त शर्तों के साथ 80 हजार देने वाले को तुरन्त मिल जाता हैl थोक लाइसेंस के लिए यह रकम बीस हजार कम हो जाती है l  हालत यह है कि बाज़ार में आक्सीटोसिन जैसी प्रतिबन्धित दवाएं बेहिचक मिल जाती हैं l बानगी के तौर पर आक्सीटोसिन को ही लीजिए, इसे इंजेक्शन के रूप में कद्दू वर्गीय लौकी की बतिया में शाम को लगाने पर सुबह वह एक किलो से अधिक वजन वाली हो जाती है l इसी तरह दुधारू पशुओं को लगाने पर आधे राशन की बचत और दूध दोगुना मिल जाता हैl इसका सेवन करने वाले बच्चे भी उसी रफ़्तार में शारीरिक रूप से वयस्क होने लगते हैं l 

इसी तर्ज पर कुछ निजी अस्पतालों में मरीज के साथ तीमारदारों को इतना डराया जाता है कि वे उन्हें 'यम देव' मनाने को विवश हो जाते हैंl

झोलाछाप के डराने के तरीकों, नकली दवाओं के जखीरे, केराकत में हाई स्कूल फेल झोलाछाप की नई कहानी, अगले एपिशोड में शीघ्र मिलेगीl इससे पूर्व गोल्ड माफ़िया पर रिपोर्ट होगी, क्योंकि धन तेरस, दीपावली नजदीक हैl कैरेट के खेल को चौसर बिछ रही हैl चांदी- सोने के लक्ष्मी रूपी सिक्के गढ़े जा रहे हैं, ताकि पूजा- पाठ के नाम पर आम आदमी को लूटा जा सके, इसके गिफ्ट हैम्पर की स्कीम लागू हो चुकी है l  ,,,,,,,, क्रमश:

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