सरकारी अभिलेखों में हेरा—फेरी करने वाले एवं भू—माफिया के खिलाफ दर्ज हो मुकदमा
https://www.shirazehind.com/2024/10/blog-post_161.html
जौनपुर। जनपद के बदलापुर क्षेत्र के रैमानीपुर निवासी शिवकुमार पुत्र मंगला प्रसाद ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर मांग किया कि सरकारी अभिलेखों में हेरा—फेरी करके भू—माफियाओं का नाम दर्ज करने वाले कर्मचारियों और भू—माफिया के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी को दिये गये प्रार्थना पत्र के अनुसार पीड़ित ने एक किता रजिस्ट्रीशुदा बैनामा लक्ष्मीकान्त पुत्र पारसनाथ से 5 अक्टूबर 2023 को आकार पत्र 23 भाग 1 की प्रतिलिपि लेकर तहरीर कराया है। तहरीर बैनामा के समय कोई भी आदेश की अमलदरामद आकार पत्र 23 भाग 1 पर नहीं थी। विपक्षी बाला-बाला तरीके से कूटरचित फर्जी आदेश 5 अगस्त 2010 चकबन्दी अहलकारान को अपने साजिश में लेकर दूसरे की चक पर अपना नाम दर्ज करा लिया जबकि आदेश 5 अगस्त 2010 की कोई भी वाद मिसिलबन्द रजिस्टर सन् 2009-2010 में दर्ज नहीं है और न ही पेशी बही रजिस्टर में कोई वाद पारसनाथ बनाम सरकार से सम्बन्धित दर्ज नहीं है। आवेदक ने आरोप लगाया कि सारी कार्यवाही में लिप्त चकबन्दी अधिकारी बदलापुर के न्यायालय में कार्यरत चपरासी द्वारा कूटरचित व फर्जी पत्रावली तैयार करके की गयी है। विपक्षी अरेन्जर शाहगंज को अपनी साजिश में लेकर नये कागज पर कूटरचित आदेश गोशवारा में दर्ज करवा दिया है एवं हल्का लेखपाल भलुवाही की पूरी मिलीभगत से फार्म 23 पर फर्जी आदेश की अमल दरामद बैक डेट में दर्ज किया गया है। यदि 5 अगस्त 2010 का आदेश फार्म 23 पर था तो पारसनाथ के पुत्र कमलाकान्त द्वारा अमृता निषाद को किये गये रजिस्ट्री की अमलदरामद 17 मई 2023 को कैसे हो गयी। आवेदक में जिलाधिकारी से मांग किया कि इस प्रकरण में की गयी जाली व फर्जी कूटरचित कार्यवाही में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही किया जाना न्यायहित में आवश्यक है।