खोटे सिक्के:'एचयूआईडी' एक पर जेवर बेचते हैं हजारों की संख्या में
-सोना- चांदी ऐसी धातु है जिसका मूल्यांकन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है लेकिन बड़े कारोबारी या गोल्ड माफ़िया नकली के खेल में ग्राहक को ऐसा उलझाते हैं कि वह दुकानों से कर्जदार बनकर घर लौटता हैl
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-कैलाश सिंह-
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लखनऊ/जौनपुर, (तहलका विशेष)l सोने- चांदी के मूल्यों पर हर देश की करेंसी, अर्थ व्यवस्था और शेयर बाज़ार पर भी असर पड़ता है लेकिन आम ग्राहक के दिमाग में एक ही बात कौन्धती है कि ज्वेलरी शुद्ध लेकिन सस्ती कहाँ और किस शो रूम पर मिलेगी, इस सस्ते की लालच पर गिफ्ट हैम्पर का बर्क चढ़ जाए तो सामान्य जन की हालत मक्खी से भी बदतर हो जाती है l इन दिनों खासकर त्योहारी सीजन के बहाने देश के हर शहर खासकर उत्तर प्रदेश में तो हर जिले में दो- चार गोल्ड माफ़िया जौनपुर की तरह मिल जाएंगे जो आमजन को कड़क दाम का एहसास तक नहीं होने दे रहे हैं l ग्राहक को फांसने के लिए ये लालच के इतने चारा डालते हैं कि उसके पास नकली के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलता है l
अब जरा एचयूआईडी (भारतीय मानक ब्यूरो कोड) के बारे में जानिए, 'जौनपुर की बानगी से', यहां के चार गोल्ड माफ़िया अपने पास 'हालमार्क' की मशीन अपनी उन कोठियों में रखते हैं जहाँ उनके वाहन के लिए पार्किंग की सुविधा बड़ी होती हैl वहीं एक कमरे में ये मशीन लगी होती है जहाँ फर्जी बिलिंग कंप्यूटर से निकालते हैंl यहीं पर अपनी दुकानों के जैसे रिंग, हार, कंगन आदि सभी उन जेवरों पर लगे भारतीय मानक ब्यूरो के कोड को ये उतार कर हजारों जेवरों में छाप देते हैं l इसे अपने शो रूम पर लाकर ग्राहक को शुद्धता की गारन्टी देते हुए वह 'एप' भी बताते हैं जिसपर कथित ग्राहक देखकर संतुष्ट हो जाता है, क्योंकि उसपर उतारे गए कोड आन लाइन शो करते हैं l
यही स्थिति हालमार्क की भी होती है l जब इनके यहां जांच करने को भारतीय मानक ब्यूरो वाले आते हैं तो डिस्प्ले में असली जेवर लगे होते हैं, जांच के दौरान उन्हें नाश्ते से लेकर इतनी सुविधा दी जाती है कि उनके दिमाग भी कुंद हो जाते हैं l उनके आने की खबर भी इन्हें पहले ही लग जाती है l यहां से निकलते ही जांच टीम का छापा सही काम करने वालों के यहां पड़ता है क्योंकि ये उन्हीं गोल्ड माफ़िया के नकली माल बेचते हैंl इसी तरह बिलिंग में जीएसटी की टीम और आयकर की चोरी पकड़ने वाली टीम को भी झटका लगता है l ये तो दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में दो जगलरों को खबर नहीं मिल पाई थी तभी इनके यहां आईटी का छापा एक हफ़्ते तक चला जिसमें इनके घरों, दुकानों की दीवारें खोदी गई थीं और करोड़ों के नकदी जेवर बरामद हुए थे l
अब सामान्य बात पर गौर कीजिए- जब सोना 80 हजार प्रति दस ग्राम के पार और चांदी एक किलो 97 हजार के पार है और प्रति एक ग्राम पर औसतन 200 रुपये मार्जिन यानी फायदा इन्हें है तो भी ये जेवर बाक्स और कैरी बैग पर ढाई सौ खर्च करके जेवर देते हैं तब गिफ्ट हैम्पर, प्रदर्शनी एवं तमाम स्कीम का लाभ ग्राहक को कैसे और कहाँ से देते हैं? जो इन बातों पर गौर करेगा वह ठगी से बच जाएगा क्योंकि 'सोना' को कपड़ा की तर्ज पर नहीं लिया जा सकता है l अगली कड़ी में 'डायमण्ड' 50 फीसदी झोल के तरीकों पर रिपोर्ट होगी, लेकिन लक्ष्मी गणेश के चित्र वाले पुराने सिक्के बेचकर ही नए खरीदी करिएl,,,,,,,,, क्रमशः