भोजन बचाओ,भविष्य बनाओ : डॉ. विभा सिंह
कार्यक्रम संयोजक डॉ ज्योत्स्ना सिंह ने आए हुए अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि डॉ. विभा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भोजन की बर्बादी आज के समय की एक गंभीर समस्या है। हमें यह समझना होगा कि भोजन की नष्ट होने से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक असर भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि भोजन नष्ट होने से बचाने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में जागरूकता और अनुशासन की आवश्यकता है। छोटे कदम जैसे जरूरत के अनुसार खाना लेना और बचे हुए भोजन का सही उपयोग करना इसमें सहायक हो सकते हैं।
आयोजित सेमिनार में छात्रों ने कई प्रदर्शनी लगाईं, जिसमें विभिन्न प्रकार के मॉडल, ग्राफिक्स और गृहविज्ञान से संबंधित वस्तुएं प्रस्तुत की गईं।
सेमिनार के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल कादिर खान ने कहा कि भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए समाज में व्यापक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। खासकर, युवाओं को इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील बनाना बेहद महत्वपूर्ण है ताकि वे न केवल खुद जागरूक हों, बल्कि दूसरों को भी इस दिशा में प्रेरित कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई पीढ़ी को जिम्मेदारी समझनी होगी और भोजन के महत्व को समझते हुए इसे नष्ट होने से बचाने के प्रयास करने चाहिए।
संगोष्ठी के समापन पर डॉ. ममता सिंह ने सभी अतिथियों, आयोजकों और उपस्थित प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।कार्यक्रम का संचालन अहमद अब्बास खान ने किया।
इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित सेमिनार संयोजक डॉ ज्योत्स्ना सिंह,डॉ अंकिता श्रीवास्तव,डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव,डॉ वसुंधरा श्रीवास्तव,डॉ शालिनी सिंह,डॉ शाहीन अंसारी, एवंम महाविद्यालय परिवार एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।