बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की कैद
●गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद हुई सजा
जौनपुर।अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) उमेश कुमार की अदालत ने साढ़े चार वर्षीया बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी को 20 वर्ष के कारावास व ₹30000अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार सुजानगंज थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने थाने में अभियोग पंजीकृत करवाया कि दिनांक 9 दिसंबर 2019 को शाम 8:00 बजे उसकी 4.5 वर्षीया पुत्री रोते हुए आई और बताई की लाले उर्फ सूरज विश्वकर्मा ने उसके साथ दुष्कर्म व अश्लील हरकत किया है। किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दिया है।
पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। पीड़िता व उसकी मां ने अभियुक्त के विरुद्ध बयान दिया था किंतु जिरह के दौरान दोनों अपने बयान से मुकर गए और पीड़िता ने आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया, जबकि उसकी मां ने बताया कि मुकदमे की रंजिश की वजह से फर्जी तरीके से मैंने आरोपी को फसाया है।
किन्तु शासकीय अधिवक्ता राजेश उपाध्याय व कमलेश राय के द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य व बहस के पश्चात अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और कहा कि आरोपी स्वयं को किशोर अपचारी बताने पर अपराध की स्वीकारोक्ति होना, विवेचना में भी घटना सही पाया जाना, अभियोजन कथानक को गलत साबित करने के लिए आरोपी द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करना तथा अपनी प्रतिरक्षा में भी कोई सफाई साक्ष्य प्रस्तुत न करना यह साबित करता है कि उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था।
अपराध के समय आरोपी की उम्र 17 वर्ष थी किंतु न्यायालय ने पाया कि वह शारीरिक व मानसिक रूप से जघन्य अपराध कारित करने के लिए सक्षम था इसलिए वयस्क की भांति उसके विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई की गई और भा०दं०वि० की धारा 376 एवं पॉक्सो ऐक्ट के तहत आरोपी को 20 वर्ष के कारावास व ₹30000अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की समस्त धनराशि पीड़िता को देने का भी आदेश हुआ।