दावा स्वयंभू विकास पुरुष का: 'हमने जो विकास करा दिया वह आज़ तक कोई न करा सका'
------खेल मन्त्री का खेल-------
-यूपी के खेल मन्त्री गिरीश चंद्र यादव चार सितम्बर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह बोल गए जो देश की आज़ादी के बाद से अब तक कोई जन प्रतिनिधि नहीं बोल पाया l हालांकि जौनपुर में ही एक दर्जन नेताओं के नाम विकास कराने वालों में शुमार है l
-लालू यादव के कार्यकाल वाले बिहार की तर्ज़ पर दो बजट की रकम से बन रही उधेडी गईं सड़कें, नमामि गंगे योजना में घटिया निर्माण कार्य का प्रमाण बना जौनपुर का पॉलीटेकनिक चौराहा l
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-कैलाश सिंह-
राजनीतिक संपादक
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जौनपुर/लखनऊ, (तहलका विशेष)l किसी भी प्रतियोगिता अथवा खेल में तो शर्त होती है लेकिन 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' का मतलब ही है, मीडिया के सवालों का जवाब आयोजक को देना पड़ता है l यहाँ कोई शर्त नहीं होतीl चार सितम्बर को पत्रकार राज कुमार सिंह ने भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में खेल मन्त्री गिरीश यादव से आमजन की समस्या से जुड़ा विकास सम्बन्धी सवाल ही तो उठाया था, न कि चंद्रायान के बारे में पूछा था l सवाल से बचना ही था तो नहीं बुलानी चाहिए थी प्रेस वार्ताl
पिछले एपिशोड में एक कहावत का संदर्भ दिया गया था कि 'चोर की दाढ़ी में तिनका'l दरअसल खेल मन्त्री पर जिले की विभिन्न विकास योजनाओं में मोटा कमीशन लेने के आरोपों की अफवाह उनपर तब भारी पड़ गई जब उनसे नमामि गंगे और चौकिया शीतला धाम के सुंदरीकरण को लेकर सवाल उठा, उसी पल उनपर उपर्युक्त कहावत चरितार्थ नज़र आई l यही वह क्षण था जब उनका रक्तचाप ऊंचाई नापने लगा और वह खुद को विकास पुरुष घोषित करते हुए ' बोल गए कि बेटा तू दो कौड़ी का है, मैंने जितना विकास करा दिया उतना आज़ तक कोई नहीं करा पाया है'l
मन्त्री श्री यादव के उपर्युक्त दावे के बाद प्रदेश की जनता भले ही न सोच रही हो लेकिन जौनपुर के आमजन से लेकर खास तक यही सोच रहे हैं कि देश की आज़ादी के बाद से अब तक जिले के बड़े प्रतिनिधियों में हरिगोविंद सिंह, राजदेव सिंह, राजा जौनपुर श्री कृष्ण दत्त दुबे, कमला सिंह, स्वामी चिन्मयानंद, पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह आदि द्वारा कराए गए विकास कार्यों से से अधिक बताने वाले खेल मन्त्री के कराये विकास कार्य दिख क्यों नहीं रहे हैं ? कहीं उन्होंने निजी विकास को धुप्पल में जनपद का विकास तो नहीं बोल दिया!
जौनपुर की जनता मन्त्री के संरक्षण वाली विकास योजना एसटीपी यानी नमामि गंगे व अमृत योजना है जो पिछले पांच साल से शहर के बाशिंदों को दर्द पर दर्द दिए जा रही है, चाहे वह सड़कों के गढ़हे हों या इनमें भरे कीचड़ युक्त पानी अथवा दमा रोगी बनाती आ रही धूल है, हादसे तो बोनस के तौर पर मिल रहे हैं l चौकिया शीतला धाम में एक ही काम के लिए दो बार करोड़ों मिले हैं वहाँ का कार्य शीतला माता देख रही हैंl जबकि शहर के उखाड़े गए खड़ंजे, सी सी रोड व सड़कें खोदने वाली संस्था क्यों नहीं बना रही जबकि उसी बजट में यह रकम भी शामिल होती है फिर दूसरी संस्थाएं क्यों टेंडर निकाल रही हैं?
प्रदेश में केवल जौनपुर इसलिए बानगी बना क्योंकि प्रेस वार्ता में झड़प यहीं हुई जिसमें संगठन और मन्त्री पद की गरिमा तार- तार हुईl यहीं वह स्वयंभू विकास पुरूष बने और तमाम विकास पुरुषों को पीछे छोड़ दिए, लिहाजा अब जिले की जनता उनके विकास कार्य खोज रही है यदि बात सच निकली तो प्रदेश के अगले महापुरुष यही होंगे अन्यथा इन्हें अपनी राजनीतिक ज़मीन तलाशनी मुश्किल होगी l पार्टी के लिए वोट दिलाने में इनकी उपयोगिता लोकसभा चुनाव में ही जगजाहिर हो चुकी है, अब तय करना है भाजपा को और जांचना है मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी को l,,,,, क्रमशः
बहुत सुंदर लिखा हैं सर, आपने
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