विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अनुशासित होना जरूरी : प्रो. राजेश शर्मा
विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष एवं बायोटेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश शर्मा ने विज्ञान संकाय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए, परीक्षा से संबंधित विषयों , अकादमिक , सांस्कृतिक, खेल एवं कौशल विकास तथा विश्वविद्यालय परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.
दीक्षारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए हर सुविधाएं उपलब्ध है. आप अपने पाठ्यक्रम के साथ -साथ सम्मेलनों, संगोष्ठी , स्किल डेवलपमेंट और शोध के क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाये। विज्ञान संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. राम नारायण ने विज्ञान के क्षेत्र में करियर पर अपनी बात रखी. विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने के नियमों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के साथ साथ विपरीत परिस्थितियों में कुछ छात्रों को अधिष्ठाता छात्र कल्याण फण्ड से नियमानुसार वित्तीय सहायता भी प्रदान किया जा सकता है और विद्यार्थियों को हेल्थ , हॉस्टल एवं अन्य की विस्तृत चर्चा की |
विश्वविद्यालय के मानद पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. राजकुमार ने कहा कि पुस्तकालय का अधिक से अधिक लाभ उठाये. उन्होंने अनुशासन के संबंध में नियमों यथा एंटी रैगिंग से सम्बंधित विस्तृत जानकारी से अवगत कराया. डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने साइबर क्राइम के सम्बन्ध में विद्यार्थियों को जागरूक किया. कार्यक्रम के उपरांत सभी विद्यार्थियों ने विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र, इनडोर स्टेडियम तथा अमृत सरोवर का भ्रमण किया.
संचालन डॉ. संजीव कुमार, स्वागत डॉ. श्री प्रकाश तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिनेश कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ विवेक पांडेय, डॉ सुधीर उपाध्याय, श्री ऋषि श्रीवास्तव, श्वेता श्रीवास्तव, प्रतिमा श्रीवास्तव, ईशानी भारती, डॉ सिपाही लाल पटेल, डॉ मारुति सिंह, डॉ अवधेश मौर्या, श्री सुशील कुमार एवं डॉ मनीष कुमार गुप्ता उपस्थित रहे.