जौनपुर नगर पालिका बना नरक पालिका, आखिर क्यों?

 स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन खुले आसमान में बैठने को मजबूर


जौनपुर। नगर पालिका के कार्यों और उनके जवाबदारों पर उठने लगे सवाल। जवाबदार मौन धारण किये हैं। सूत्रों की मानें तो 2021 से नगर पालिका परिषद जौनपुर बिना वित्तीय लेखाकार के चल रहा है तो सवाल उठता है कि कर्मचारियों की तनख्वाह का भुगतान किसके आदेश और हस्ताक्षर से किया और कराया जा रहा है? बताते चलें कि स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन शाखा नगर पालिका परिषद जौनपुर के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता के लिये कार्यालय की मांग पिछले कई वर्षों से लगातार चल रही थी। इसको संज्ञान लेकर वर्तमान अध्यक्ष मनोरमा मौर्या ने स्वीकृत कर निर्माण विभाग को भी दे दिया गया जो मीडिया में भी प्रकाशित किया गया था लेकिन वह केवल कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है, आखिर क्यों? इसी के चलते आज स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी खुले आसमान में बैठने को मजबूर हैं जबकि जनपद के अन्य जगहों पर उनके लिये भवन बने हुए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि फिर यहां क्यों नहीं? उक्त बिन्दुओं पर अध्यक्ष पति डॉ राम सूरत मौर्य से बात करने पर वह अपने को असहाय बताते हुये सरकार की मंशा का पाठ पढ़ाने लगे। सूत्रों की मानें तो लेखाकार की अनुपस्थिति में एक सहायक लिपिक है जिनके ऊपर ठेकेदार जिन पर अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी का वरदहस्त प्राप्त है, का इतना दबाव बना कि सहयोग न मिलने पर उनको हृदयघात तक हो गया परन्तु कोई भी पूछने वाला नहीं। आज वह किसी निजी अस्पताल में उपचार करा रहा है। बता दें कि नगर पालिका परिषद जौनपुर द्वारा आये दिन स्वच्छ भारत भारत की परिकल्पना को साकार करने की बात करता है परन्तु यदि देखा जाय तो परिषद में आने वाले वार्डों में गन्दगी का अम्बार लगा पड़ा है। सड़कों पर नालियों के गन्दा पानी बह रहा है। पूछे जाने पर अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक एक—दूसरे पर जिम्मेदारी धकेलने में लगे हैं। जबाबदेही आखिर किसकी है? अध्यक्ष अथवा अधिशासी अधिकारी की? यह भी सुनिश्चित नहीं होती। ऐसे में उसका ठीकरा फोड़ते हैं अधीनस्थ कर्मचारियों पर, आखिर क्यों?

Related

JAUNPUR 8333613628774882477

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item