जौनपुर के कई डॉक्टर बने यमराज, कुछ शिक्षकों ने विद्या के मन्दिर को बनाया दुकान

जौनपुर में एक कथित चिकित्सक ने बिहार के चिकित्सा शिक्षा माफिया गिरोह से 35 लाख में खरीद ली है एमडी की डिग्री और बीएचयू से वेल क्वालीफाई महिला चिकित्सक से शादी करके खोल लिया इलाज की दुकान l

-जिले में फर्जी डॉक्टरों और शिक्षकों की भरमार, फर्जी डॉक्टर मरीजों की जान के ग्राहक बने और जुगाड़ से डिग्री हासिल करके विवि और पीजी कॉलेजों में तैनात शिक्षक ही छात्रों के भविष्य से खेल रहे l


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-कैलाश सिंह-

वाराणसी/जौनपुर (तहलका विशेष)l देश में जिस तरह गुरुकुल का समापन होने के बाद गुरु और शिष्य का स्थान शिक्षक व छात्र ले लिए उसी तरह पैसे की हवस ने हर महीने लाखों वेतन पाने वाले कुछ शिक्षक- 'शिक्षा माफिया गिरोह' का हिस्सा बन गए और वह ज्ञान के मन्दिर रूपी कॉलेज एवं विवि तक को दारू की दुकान सरीखा बनाने में जुटे हैंl इसी तरह फर्जी डिग्री वाले कई चिकित्सक जिंदगी बचाने के नाम पर मॉल्स सरीखी दुकान (नर्सिंगहोम) खोलकर उसमें यमराज के दूत की तरह बैठे हैं l कई तो बिना लाइसेंस के अस्पताल खोल लिए हैं l कुछ निजी अस्पतालों में दिनभर मरीजों का इंतजार होता है, यदि एक मरीज मिल गया तो उसके परिजनों को इतना डराएंगे कि उनका और स्टॉफ का एक दिन का खर्च निकल आता है, मरीज नहीं मिले तो यही अस्पताल शाम का अंधेरा होते ही ढाबा और अय्यासी के अड्डे में तब्दील हो जाता है l जौनपुर के नईगंज इलाके की यह बानगी प्रदेश के तमाम जिलों में मिलेगीl 

शहर के नईगंज और सिटी स्टेशन रोड स्थित कुछ अस्पतालों में मरीजों की जिंदगी से कैरम की गोटी की तरह खेला जाता है l हफ्ते भर पूर्व की एक घटना नईगंज की है- यहाँ के एक अस्पताल में उस महिला को भर्ती कराया गया जिसे ब्रेन स्ट्रोक हुआ था l डॉक्टर कथित फिजिशियन है लेकिन इलाज न्यूरो सर्जन वाला करने लगा l मरीज को सोडियम चढ़ाया यह कहकर कि इनके शरीर में इसकी ही कमी है l मरीज को देखने पहुंचे लोग यहाँ का आईसीयू देखकर भौंचक रह गए l इसमें टिमटिमाता बल्ब अंधेरे को मुँह चिढ़ा रहा था l वातानुकूलित मशीन (ए /सी) का मुंह खुला था  शायद वह पंखे की गर्म हवा की रेस देखकर हैरत में पड़ी थी, इसी दुविधा में एक दिन और रात बीती तो दूसरे दिन परिजनों की तंद्रा भंग हुई और वह दबाव बनाकर मरीज को डिस्चार्ज कराके बीएचयू ले गए, जहां चिकित्सकों ने एक फीसदी बचने की सम्भावना के साथ इलाज शुरू किया लेकिन मरीज की जिंदगी ने साथ छोड़ दिया l 

यहां कई निजी अस्पतालों में नर्सों की इज्जत से मोहब्बत के नाम पर सौदा होता है l इसका भी केंद्र तो नईगंज है लेकिन यह बीमारी जौनपुर जंक्शन से सिटी स्टेशन के बीच कई अस्पतालों में  व्याप्त है l 

एक चिकित्सक की 'कथित नेता' पत्नी हर दूसरे दिन उसकी पिटाई चप्पलों से करते हुए थक गई तो खुद ही प्रयागराज रहने चली गई l कई डॉक्टर रोज पत्नियों से पिट रहे हैं l सपा सरकार के कार्यकाल वाला चिकित्सक तो सुबह टहलने के दौरान अपनी तंदुरुस्ती का राज अमेरिका प्रवास के दौरान की गई अय्यासी से जोड़कर शेखी में बखान करता हैl इस तरह के वाकये और भी हैं जिनका जिक्र अगली कड़ियों में मिलता रहेगा l आसाम, छत्तीसगढ़, झारखंड के कई उच्च चिकित्सा शिक्षा संस्थानों के नाम पर एमएस, एम डी तक की डिग्री बेचने वाला गिरोह का सरगना बिहार से पूर्वोत्तर भारत में अपने नेटवर्क का संचालन करता है, उनसे डिग्री खरीदकर जौनपुर में निजी अस्पताल चलाने वाले एक सख्श ने आईएमए में भी सदस्यता ले रखी है l इसकी डिग्री को लेकर आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई हैl इसका भी विवरण अगली कड़ियों में मिलता रहेगाl

अब चलिए शिक्षण संस्थानों की ओर- यहां के पर्वांचल विश्वविद्यालय में सबकुछ ठीक नहीं है l नए कुलपति के आते ही कुछ कथित शिक्षक 'बर्फ़ी पर लगे चांदी के बर्क' की तरह चिपककर लम्बा गोलमाल करते हैंl नई कुलपति प्रो वन्दना सिंह ऐसे तमाम कचरों से दूरी बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में लगी हैं लेकिन अब भी कुछ ऐसे हैं जो अपने सब्जेक्ट के विपरीत वाली जिम्मेदारी का निर्वहन करके अपने 'काकस' में उन्हें घेरने में लगे हैंl  यह वो लोग हैं जिनकी पीएचडी और डिग्री के साथ नौकरी भी जुगाड़ से लगी हैl कुलपति ने हर टीचिंग रूम में माइक वाला सीसीटीवी लगवाया तो शिक्षक होते हुए भी शिक्षण के अलावा अन्य कार्य करने वालों को अखरने लगा है l यही लोग सामाजिक कार्यक्रमों में वरिष्ठ समाजसेवी, विशेषज्ञ बनकर अवतरित होते हैं l हर माह लाखों वेतन पाने वाले यही लोग कैंपस के निर्माण कार्यों में भी लूट करते हैं l 

पूर्वांचल युनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में एक लेखक की लगभग ढाई सौ किताब रैक पर लगी देख तमाम छात्र महीनों से हैरत में हैं कि यह- 'पुस्तकालय है अथवा पुस्तक की दुकान'l इसकी तस्वीर देख हम भी हतप्रभ हैं l शायद दीक्षांत समारोह में इसी 22 तारीख को इन पुस्तकों का वितरण आगन्तुकों में होगा! लेकिन आर्थिक चपत किसको लगेगी? पर्वांचल विवि से बढ़कर इससे संबद्ध कई डिग्री कॉलेज ऐसे भी हैं जिनकी प्रबन्ध कमेटी पर कब्जा करने वालों का समूचा कुनबा उच्च पदों पर काबिज हैl इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो प्रदेश की सरकार के बदलने से पूर्व उन राजनीतिक दलों से जुड़ जाते हैं जिनकी पार्टी सत्ता संभालती है l शिक्षण संस्थानों में होने वाले कारनामे भी हमारी रिपोर्ट में मिलते रहेंगे l बाकी अगली कड़ी में....... क्रमशः

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