धूमधाम से मनायी गयी गोविन्द बल्लभ पन्त की जयन्ती
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मदरसे में जयन्ती पर करायी गयी वाद—विवाद प्रतियोगिता
जौनपुर। मदरसा चश्मये हयात रेहटी त्रिलोचन बड़ागांव में गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर भव्य कार्यक्रम हुआ जहां पंत जी के विषय में बच्चों को विस्तारपूर्वक बताया गया। इस मौके पर मदरसा के प्रधानाचार्य गुफरान सज्जाद ने बच्चों को पंत जी के विषय में बताया कि वह हमारे प्रदेश उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हुए आंदोलन में गांधी जी के कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया और देश के गृह मंत्री के पद पर रहते हुए भाषा के आधार पर प्रान्तों का विभाजन किया और हिंदी को राजकीय भाषा बनाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अपने जीवन के अनमोल 7 साल देश की आजादी के लिए जेल में बिता दिये, फिर भी अंग्रेजों के सामने कभी घुटने नहीं टेके। प्रधानाचार्य ने आगे बताया कि काकोरी ट्रेन एक्शन में फांसी की सजा पाने वाले राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह की सजा को कम करवाने के लिए मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर वायसराय को पत्र भी लिखा। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा करने में लगा दिया| देश के प्रति उनके सेवा भाव को देखते हुए भारत सरकार ने 1957 में इन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से पुरस्कृत किया। देश की सेवा करते हुए गृह मंत्री के पद पर रहते हुए हृदय घात से उनकी मृत्यु 7 मार्च 1961 को हुई। पंडित जी के जीवनी पर छात्र—छात्राओं के मध्य वाद—विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ जहां छात्राओं ने छात्रों को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। वाद विवाद के अपने कौशल से उपस्थित समस्त लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य गुफरान सज्जन, दिलशाद अहमद, मोहम्मद जावेद, हयातुल्लाह, नसीम अख्तर, मोहम्मद अफजल, अबरार अहमद, तौफीक अहमद, मुनीर अहमद, मोहम्मद शौकत, अलीमुल्लाह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।