मुरली वाले की बाल्यावस्था लीला सुनकर श्रोतागण हुये भाव—विभोर
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उमेशोनाथ मन्दिर में चल रहे ज्ञानयज्ञ के छठवें दिन उमड़ी भारी भीड़
जौनपुर। नगर के रासमण्डल में स्थित उमेशो नाथ शिव मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के छठवें दिन व्यास गद्दी पर विराजमान कथा वाचक आचार्य रविन्द्र द्विवेदी ने मुरली मनोहर श्याम की बाल्यावस्था और यशोदा मईया के लीला को ससंगीत सुनाया जिसे सुनकर भक्तगण भाव—विभोर हो गये। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मां को भी यशोदा मईया से सीख लेने की आवश्यकता है। ठीक उसी प्रकार पुत्र को भी वही आचरण, व्यवहार, उदारता अपनी माता के प्रति रखना चाहिए, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता—पिता के प्रति प्रेम रखते थे। श्रीकृष्ण के जन्म से बाल्यावस्था तक न जाने कितने ही दैत्य, राक्षसों और राक्षसियों ने संकट उत्पन्न किया और मुरली मनोहर ने उनका वध किया परंतु ऐसी आपत्तियों को देख साधारण मां नहीं सह सकती। वह तो मईया यशोदा थीं जिन्होंने निर्णय लिया कि अब हम अपने कान्हा को लेकर वृन्दावन चले जायेंगे परन्तु उनकी लीला को कौन जाने कि बालक स्वरूप में श्री नारायण साक्षात् अवतरित होकर पुनीत कार्य कर अपनी लीला कर रहे हैं। धर्मरक्षक विधर्मियों के संहार करने वाले योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जो ६४वें कलाओं के स्वामी हैं। ब्रह्मांड को धारण करने वाले अघुरेश्वर के मर्म को भला कौन जान सकता है? कोई भी जीव अपनी मनःस्थिति एकाग्र करके उनके नाम का स्मरण करने मात्र से ही प्राणी को मोक्ष मिल सकता है। आचार्य ने समस्त नगरवासियों से अपील किया कि २७ अगस्त को दिन में हवन में शामिल होकर श्री मद्भागवत समापन यज्ञ पाठ का प्रसाद ग्रहण करें। कथा के मुख्य यजमान स्वप्निल अंबुज श्रीवास्तव हैं। आचार्य के सहयोगी अखिलेश दुबे, राजू तिवारी, राधेश्याम तिवारी, राघव दास, अखिलेश मिश्रा, सुभाष पंडित, जय प्रकाश मिश्र, संगीत वाद्यक अरुण चौबे, अर्जुन लाडला, सुनील चार्ली रहे। कथा में अजय पाण्डेय जिलाध्यक्ष अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद, सचिन श्रीवास्तव जिला मंत्री अहिप, मनोज मिश्र उपाध्यक्ष अहिप, राकेश श्रीवास्तव, मनसिज पाण्डेय, रश्मि श्रीवास्तव, रमेश मिश्रा, आशीष मिश्रा ज्योतिषाचार्य सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।