शासन की मंशा पर पानी फेर रहे चकमार्ग की जमीन पर कब्जाधारी
https://www.shirazehind.com/2024/08/blog-post_84.html
सम्बन्धित अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी सीमांकन नहीं
मुख्यमंत्री दरबार में गुहार लगाते हुये पीड़ित ने की कार्यवाही की मांगकेराकत, जौनपुर। चकमार्ग खाते की जमीन का सीमांकन कराकर अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग को लेकर पीड़ित दर—दर भटक रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है जबकि शासन की स्पष्ट मंशा है कि गांवसभा/चकमार्ग की जमीन किसी भी दशा में अवैध कब्जे से रोका जाय। यह मामला स्थानीय तहसील क्षेत्र के तरियारी गांव का है जहां के मोहित विश्वकर्मा पुत्र अजय विश्वकर्मा का कहना है कि ग्रामसभा में स्थित आराजी नम्बर 408 चकमार्ग खाते की जमीन है। इसका सीमांकन करके उक्त जमीन को सुरक्षित एवं अतिक्रमण मुक्त कराया जाना लोकहित/जनहित में आवश्यक है। इससे ग्रामसभा/चकमार्ग की भूमि का उपयोग निर्बाध रूप से आवागमन के लिये हो जायेगा। ऐसे में गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोग सीमांकन के विरोध में हैं जो किसी भी जांच अधिकारी की बात को अस्वीकारते हुये मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। इसका एकमात्र कारण यह है कि ऐसे दबंग लोग उक्त जमीन पर अनाधिकृत रूप में कब्जा किये हुये हैं जो किसी अन्य को उक्त जमीन से आने—जाने नहीं देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करने वाले मोहित विश्वकर्मा के अनुसार इसके पहले वह उपजिलाधिकारी केराकत, अपर जिलाधिकारी भू—राजस्व, जिलाधिकारी जौनपुर, मण्डलायुक्त वाराणसी, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश से शिकायत कर चुका है लेकिन कहीं से कोई आशा नहीं दिखी जिससे हताश व निराश होकर अब मुख्यमंत्री के दरबार में शिकायत करते हुये जनहित में ठोस एवं उचित कदम उठाने की मांग किया है।