भारत में राष्ट्रवाद,हिंदुत्व-सनातन चेतना का आधार बना बांग्लादेश

-कैलाश सिंह-

राजनीतिक सम्पादक

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-बांग्लादेश को लेकर देश के तीन प्रधान मन्त्रियों श्रीमती इंदिरा गाँधी, चंद्र शेखर और नरेंद्र मोदी की विदेश नीति या कूटनीतिक (विचारधारा) एक रही, नतीजा भारत के राष्ट्रवाद और अमेरिकी रणनीति को लेकर दोनों देशों में परोक्ष टकराव महसूस किया गया l फिर भी तनकर खड़ा है भारत, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार झुकीl

-पाँच सितम्बर को बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना को भारत में शरण लिए एक महीना हो जाएगा लेकिन अभी तक उन्हें यहाँ से हटाने या सौंपने के लिए किसी देश को दबाव डालने की हिम्मत नहीं हुई, यही है मोदी का राष्ट्रवादl बांग्लादेश के बहाने वहाँ के हिंदुओं की चेतना से योगी ने देश में सनातन विमर्श खड़ा कर दिया l

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लखनऊ/नई दिल्ली (तहलका विशेष)l बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना की जान का दुश्मन उनकी राष्ट्रवादी सोच, बढ़ती अर्थ व्यवस्था और सेंट मार्टिन द्वीप बना l वहाँ तख्ता पलट में अगुवाई भले ही जमायते इस्लामी ने छात्र आंदोलन के बहाने किया लेकिन उसके पीछे भारतीय कूटनीतिक विशेषज्ञ 'अमेरिकी हाथ' मानते हैंl वहाँ की पूर्व पीएम खालिदा जिया का बेटा अमेरिका में रहता है और अंतरिम सरकार के जरिए चुनाव का रास्ता साफ़ होने पर उनकी पार्टी बीएनपी से वह मैदान में नज़र आएगा l

भारत के तीन प्रधान मंत्रियों की एक जैसी कूटनीतिक सोच पर नज़र डालें तो 1971 में जब बांग्लादेश की आज़ादी के पक्ष में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी खड़ी थीं तब पाकिस्तान के सहयोग में अमेरिकी नेवी का सातवां बेड़ा समुद्री रास्ते में थाl जब वह पहुंचा उससे दो दिन पूर्व शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान पहले राष्ट्राध्यक्ष के रूप में शपथ ले चुके थे l पाँच साल बाद यदि वह इंदिरा गाँधी की बात माने होते तो शेख हसीना की तरह सुरक्षित होते l शेख हसीना और उनकी बहन उस वक्त जर्मनी में थीं लिहाजा बच गईं लेकिन समूचा परिवार मारा जा चुका था l इतना कुछ होने के बाद भी श्रीमती गाँधी कभी नहीं झुकीं और रूस से दोस्ती कायम रखे रहीं l

दूसरे प्रधानमंत्री स्व.चंद्र शेखर रहे जो बांग्लादेश के मामले में अमेरिका के सामने तनकर खड़े रहे l बात 1991- 92 की है l चंद्र शेखर पूर्व प्रधान मन्त्री थे और अमेरिकी विदेश मंत्री रह चुके वही हेनरिक भारत आये थे जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए हो रहे युद्ध में पाकिस्तान की मदद के लिए अपनी नेवी का ताकतवर सातवां बेड़ा भेजा था l उनकी ओर से पूर्व प्रधान मंत्री चंद्र शेखर से मिलने की इच्छा जाहिर की गई तो उन्होंने यह कहते हुए मिलने से मना कर दिया कि जो व्यक्ति हमारे देश और यहाँ की सेना को कमजोर करने का प्रयास किया मैं उससे नहीं मिलूँगा, बाकी जिसको उससे मिलने की इच्छा या फ़ायदा दिखे वह मिले, मुझे तो बिलकुल नहीं मिलना है l

तीसरे और लगातार तीसरी बार देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो विश्व की अर्थ व्यवस्था के भी संतुलन बने हैं और बांग्लादेश के मुद्दे पर अमेरिका के सामने तनकर खड़े हैं l जबकि रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइंड करने के बाद भारत अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों को वही तेल बेचकर विश्व अर्थ व्यवस्था का संतुलन भी बनाए हैl 

दरअसल अमेरिका की नज़र बांग्लादेश के सेंट मार्टिन द्वीप पर है जहाँ वह एयरबेस ( सैनिक हवाई अड्डा) बनाकर चीन समेत कई देशोँ व भारत के बंगाल की खाडी पर भी नज़र रखना चाहता है l शेख हसीना ने अपने राष्ट्र हित व भारत के भी हित को ध्यान में रखते हुए अमेरिका को वह द्वीप देने से पिछले साल ही मना कर दिया था l इसी कारण भारत की सुरक्षा एजेंसियां उन्हें तख्ता पलट से पूर्व सुरक्षित भारत में ले आईं l यह मोदी की बेहतरीन डिप्लोमेसी ही है कि वह रूस के साथ युक्रेन की भी यात्रा करते हुए युद्ध की बजाय बुद्ध का संदेश दे रहे हैं l

जहाँ तक बात है हिंदुत्व और सनातन संस्कृति के चेतना की तो बांग्लादेश के हिंदुओं का अस्तित्व जब खतरे में पड़ा तो वह जिस तरह एकजुट होकर खड़े हुए और खुद को जागृत किया, उसी में से 'एकजुटता' को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खरे शब्दों में कहा कि ' बंटोगे तो कटोगे, एक होगे तो नेक रहोगे'l इसमें योगी हिंसा की बात नहीं करते हैं बल्कि वह सनातन संस्कृति के जरिए हिंदुत्व एकता की बात कहे हैं l अर्थात हिन्दू यदि राजनीतिक दलों के बहकावे में आकर जातियों में बंटे रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब उन्हें अपने ही देश में खुद के अस्तित्व के लिए बांग्लादेश के हिंदुओं की तरह संघर्ष करना पड़ेगा l 

योगी आदित्यनाथ ने इसी वक्तव्य के जरिए भाजपा को भी एक बड़ा राष्ट्रव्यापी विमर्श (नेरेटीव) सेट करने को दे दिया है l अब यह भाजपा हाई कमान पर निर्भर है कि वह इसे कैसे और किस तरह अपनाता हैl भाजपा हाई कमान को लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा अपनाये गए दो झूठे विमर्श 'संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने' वाले झूठ को सच बनाकर कम समय में आमजन तक परोसकर ऐसा विमर्श खड़ा किया कि उसका रिजल्ट भी उसे यूपी की आधी से ज्यादा सीटों पर जीत के रूप में मिल गया l

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