डीएम के इस आदेश से वगैर जुर्म के सज़ा पाने वाले शिक्षक बच जाएंगे , प्राथमिक शिक्षकों में खुशी की लहर

 परिषदीय विद्यालयों के साफ सफाई में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का अब नहीं चलेगा कोई बहाना



जौनपुर। डीएम के नये फरमान से अब बेसिक शिक्षा विभाग के टीचरों को बड़ी राहत मिलेगी, अब उस जुर्म की सजा शिक्षको नही भुगतना पड़ा था जो उन्होने किया ही नही था। अफसरों के औचक निरीक्षण में विद्यालय में गंदगी मिलने पर प्रधानाध्यापक व प्रभारियों को फटकार, स्पष्टीकरण और वेतन रोक दिया जाता था जबकि इस लापरवाही का जिम्मेदार स्कूल का स्टाफ नही बल्की सफाई कर्मचारी होता था लेकिन इसका खामियाजा इन शिक्षको को भुगतना पड़ता था। डीएम का यह आदेश आते ही शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। 

 जनपद में परिषदीय विद्यालयों में साफ-सफाई करने न आने की ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की अब बहाने बाजी नहीं चलेगी क्योंकि विद्यालयों में रखी पंजिका में उन्हें प्रतिदिन आकर हस्ताक्षर करना होगा। प्रधानाध्यापकों/प्रभारी प्रधानाध्यापकों की इसी पंजिका को माह के अंत में प्रमाणित करना होगा।जिसके आधार पर ही सफाई कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा।इस संबंध में जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है।


गौरतलब है कि परिषदीय विद्यालयों के शौचालय सहित बाहरी भीतरी परिसर की साफ-सफाई का दायित्व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शासन द्वारा सौंपा गया है लेकिन बेसिक शिक्षा के अधिकारियों के निरीक्षण में परिषदीय विद्यालयों के परिसर एवं शौचालय बड़ी संख्या में गंदे पाये जाते रहे हैं जिस कारण शिक्षकों को विभागीय कार्यवाही का सामना भी करना पड़ता रहा है ।कई बार तो गंदगी की दशा को देखकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्वयं झाड़ू उठाना पड़ा है। चूंकि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति का प्रमाणन ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान एवं पंचायत के सचिव के हस्ताक्षर से होता रहा है ऐसे में शिक्षकों की लाचारी जग जाहिर थी अब जब जिलाधिकारी महोदय ने विद्यालयों में पंजिका रखकर प्रधानाध्यापक/ प्रभारी प्रधानाध्यापकों से  प्रमाणित करने का आदेश जारी कर दिया है तो आशा की जा सकती है कि विद्यालयों की साफ-सफाई के लिए बच्चों और गुरुजनों को झाड़ू नहीं उठाना पड़ेगा और पठन पाठन के लिए विद्यालयों में बेहतर माहौल बन पायेगा।

डीएम के इस आदेश आने के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है । प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि ग्राम प्रधानों एवं सफाईकर्मियों की मिली भगत के कारण विद्यालयों की साफ सफाई न होने और साफ सफाई के लिए शिक्षक को जिम्मेदार ठहराने एवं दोषारोपण करने से शिक्षक समाज पीड़ित था । संगठन द्वारा बार बार आवाज उठाने के बाद आखिरकार बेसिक शिक्षा विभाग ने हकीकत को समझा और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जौनपुर  डॉo गोरखनाथ पटेल ने शिक्षको की मांगो पर सार्थक पहल पर  जिलाधिकारी  द्वारा स्वच्छता और संचारी रोगों के प्रति सफाईकर्मियों की लापरवाही का संज्ञान लेते हुए एक वास्तविक सुधारवादी आदेश निर्गत किया गया है ,जिसका समस्त शिक्षक समाज आभारी है  ।

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