फार्मेसी संस्थान के एच ओ डी पर कातिलाना हमला करने पुलिस की पकड़ से दूर, शिक्षक आक्रोशित
उक्त प्रकरण को लेकर विश्वविद्यालय परिसर के सैकङों शिक्षकों ने हस्ताक्षर कर आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की।शिक्षकों ने कहा की ऐसे कृत्यों से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होती है और शिक्षकों में भय व्याप्त होता है। आरोपी शिक्षक विनय वर्मा के खिलाफ पुलिस द्वारा न्यायालय में दायर आरोप पत्र में प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाया है।वहीं विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने उक्त आरोपी शिक्षक के खिलाफ उत्तरपुस्तिकाओं में अंकों की अनियमितता और रिश्वत लेने के मामले में बरखास्तगी की संस्तुति भी की है।ऐसे में अभी तक आरोपी शिक्षक पर प्रभावी कार्यवाही न होने के कारण शिक्षकों में रोष व्याप्त है।वहीं तीन माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद आरोपी शिक्षक पर परीक्षा समिति के द्वारा बरखास्तगी की संस्तुति पर कोई कार्यवाही न होना भी समझ से परे है।विश्वविद्यालय प्रशासन के ढुलमुल रवैए से विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों का मनोबल गिर रहा है।
कुलपति प्रो० वंदना सिंह ने शिक्षकों को आश्वासन देते हुए कहा की जल्द से जल्द उक्त प्रकरण पर कार्यवाही कर पीड़ित शिक्षक को न्याय दिलाया जाएगा।
पत्रक सौंपने वाले शिक्षकों में चीफ प्रॉक्टर प्रो० राजकुमार सोनी,अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो० अजय द्विवेदी,प्रो०गिरिधर मिश्र, डॉ धीरेन्द्र चौधरी,चीफ़ वार्डन डॉ मनीष प्रताप सिंह, डॉ काजल कुमार डे,डॉ रशिकेष, डॉ मनोज पांडेय, डॉ मुनेंद्र सिंह, डॉ पूजा , डॉ परमेंद्र सिंह, डॉ शैलेष प्रजापति, डॉ सुधीर उपाध्याय, डॉ राहुल राय , डॉ अंकित , डॉ दीप प्रकाश, डॉ हेमंत, डॉ सुरेन्द्र सिंह,उद्देश्य सिंह समेत दो दर्जन से अधिक शिक्षक उपस्थित रहे।