समोधपुर पीजी कॉलेज में मनाया गया काकोरी एक्शन दिवस

 सुइथकला, जौनपुर।गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर जौनपुर में दिनांक 9 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को 'काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस' मनाया गया । इस अवसर पर छात्राओं ने रंगोली बनाया । रंगोली के बाद निबंध लेखन प्रतियोगिता हुई।प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

काकोरी ट्रेन एक्शन दिवस' पर प्राचार्य प्रोफेसर रणजीत कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन हुआ।संगोष्ठी  में प्रोफेसर पांडेय ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े क्रांतिकारियों की भूमिका के बारे में बताया।उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अलग-अलग क्षेत्र के लोग जुड़े थे  लेकिन उनका मुख्य ध्येय भारत की स्वाधीनता थी।


कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरविंद सिंह ने इस घटना के महत्व को बताया । उन्होंने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना ने अंग्रेजों को भारतीयों को अधिकार देने के संदर्भ में विचार करने पर विवश किया । 


विशिष्ट वक्त  प्रोफेसर राकेश कुमार यादव ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना पर विस्तृत प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि भारत की स्वाधीनता के संग्राम में काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। 8 अगस्त, 1925 को शाहजहांपुर  में राम प्रसाद 'बिस्मिल' के घर पर हुई एक इमर्जेन्सी मीटिंग में निर्णय कर योजना बनी। 9अगस्त,1925 को आठ डाउन सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को काकोरी स्टेशन पर जंजीर खींचकर रोककर राम प्रसाद बिस्मिल ने अपने 9अन्य सहयोगियों के साथ सरकारी खजाने को लूट लिया। बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल ४० क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण बाद में अंग्रेजी सत्ता उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल ४० क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व यात्रियों की हत्या करने का प्रकरण चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी। इस प्रकरण में १६ अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम ४ वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था।राहुल भेरामोरे जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को फाँसी की सजा सुनायी गयी। इस प्रकरण में १६ अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम ४ वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास तक का दण्ड दिया गया था। इन महान सेनानियों को प्रत्येक  प्रत्येक विद्यार्थी को जानना चाहिए। 

सहायक आचार्य सत्य प्रकाश सिंह ने विद्यार्थियों के साथ काकोरी ट्रेन एक्शन के  शताब्दी वर्ष के बारे में चर्चा की। 

संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर अविनाश कुमार वर्मा व धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर अवधेश कुमार मिश्रा ने किया । इस अवसर पर भौतिक विज्ञान के  विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह,डॉ नीलमणि सिंह, डॉ पंकज सिंह,  डॉ आलोक प्रताप सिंह बिसेन, डॉ वंदना तिवारी, जितेंद्र सिंह, विकास कुमार यादव, नीलम सिंह, जितेंद्र कुमार, कार्यालय अधीक्षक बिन्द प्रताप सिंह, अखिलेश सिंह, डॉ संदीप कुमार सिंह व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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