26वीं पुण्यतिथि पर याद किये गये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अभयजीत जी
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पराऊगंज, जौनपुर। अभयजीत दुबे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सम्पादक साप्ताहिक 'विकास' एवं संस्थापक कुटीर संस्थान कुटीर चक्के की 26वीं पुण्यतिथि पर विमर्श-गोष्ठी और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन कुटीर संस्थान परिसर में हुआ जहां प्रथम सत्र में आहूत विमर्श-गोष्ठी के प्रमुख 5 विचारणीय विषय रहे। वर्तमान संदर्भों में इस प्रकार की विमर्श-गोष्ठी का आयोजन एक रचनात्मक प्रयास प्रतीत हुआ। गोष्ठी में मन्थन के उपरान्त कई निर्णय और प्रस्ताव हुये। प्रमुख रूप से जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उनकी पत्रकारिता पर शोध कार्य, जौनपुर के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास एवं श्रीमद्भगवत गीता के जीवन दर्शन के अध्ययन हेतु केन्द्र की स्थापना, साप्ताहिक 'विकास' के पुन: प्रकाशन, अमर्त्य पत्रकार चन्द्रेश मिश्र की स्मृति में पत्रकारिता के क्षेत्र में सम्मान प्रारम्भ करने, "कुटीर दर्शन यू-ट्यूब चैनल" के प्रारम्भ, अभयजीत दुबे के स्मृति में ग्रन्थ का प्रकाशन का प्रस्ताव तथा कुटीर संस्थान में पत्रकारिता के साथ व्यावहारिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम को प्रारम्भ करने का प्रस्ताव, कम्यूनिटी रेडिओ और सौर ऊर्जा के अधिक प्रयोग के साथ अन्य कई उपयोगी सुझाव आये। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व कुलपति दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा चेन्नई प्रो० राम मोहन पाठक ने कहा कि आज की गोष्ठी वर्तमान राष्ट्रीय सन्दर्भों में अत्यन्त उपयोगी रही है। जो सुझाव आये हैं, उन्हें मूर्त रूप दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा हो सका तो यह एक आदर्श स्वरुप होगा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पंडित जी जैसे महापुरुषों का जीवन अनुकरणीय है। मुख्य वक्ता प्रो० राकेश उपाध्याय निदेशक हिंदी पत्रकारिता विभाग भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली ने कहा कि अभयजीत जी और समस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हमारे लिए स्तुत्य हैं और उनकी वंदना का जो गीत है, उसका प्रारम्भ गाँवों के निर्माण से ही प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पवित्र है, साथ ही उसमें भी गंगा, गोमती और यमुना का मैदानी भाग अत्यन्त अलौकिक है। यह भूमि राष्ट्रनायकों, चक्रवर्तियों को जन्म देने वाली भूमि है। गोष्ठी में प्रमुख रूप से राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, प्रो० राम प्रवेश पाठक, प्रो० अजय द्विवेदी, प्रो० मनोज मिश्र, प्रो० धरणीधर दुबे, पूर्व प्राचार्य गौरीशंकर त्रिपाठी, डॉ० लालजी त्रिपाठी, डॉ० यूपी सिंह, प्रो० श्याम नारायण मिश्र, प्राचार्य प्रो० राघवेन्द्र पाण्डेय, प्रो० सुरेश पाठक, प्रो० सर्वेश पाण्डेय, डॉ० लल्लन मिश्र, श्याम नारायण पाण्डेय, भूषण मिश्र, एड० वीरेंद्र उपाध्याय सहित अनेक शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे। द्वितीय सत्र श्रद्धांजलि समागम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं की नींव रखना ही एक पवित्र कार्य है और कुटीर संस्थान अब भी अपने स्थापना मूल्यों को लेकर सजग है। यह और भी प्रशंसनीय है। यही पंडित जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। द्वितीय सत्र में पूर्व विधायक अनिल अमिताभ, पूर्व छात्र उदय प्रताप सिंह सचिव गोरखपुर विकास प्राधिकरण, रामकृष्ण त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के व्यवस्थापक डॉ० अजयेन्द्र दुबे, संयोजक प्रो० रमेशमणि त्रिपाठी एवं समन्वयक प्रभाकर त्रिपाठी रहे। कार्यक्रम में विद्यार्थियों का संस्कृत में मंगलवाचन, संस्कृत भाषा में कजरी और छात्राओं द्वारा वन्देमातरम् गीत की प्रस्तुति सराहनीय रही।