जिस राजस्व कर्मचारियों ने की थी भू-माफियाओं की मदद उसने ही बरपाया कहर !
जौनपुर। पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्याकाण्ड के दबंग भू-माफियाओं के खिलाफ सोमवार से बाबा का बुलडोर अपने काम पर लग गया। तहसील के राजस्व कर्मियों के मिली भगत से सरकारी जमीन को कुटरचित दस्वेजों के सहारे अपने नाम करके बेचने वालों पर तहसील के वही कर्मचारियों ने कहर बरपाया जिसने इस पूरे मामले में भू-माफियाओं की पूरी मदद करने का आरोप है। पूरी कार्रवाई में उन कर्मचारियों को देखकर पत्रकार आशुतोष के शुभचिंतकों ने मौके पर जमकर खरीखोटी सुनाई। फिलहाल तहसीलदार ने उन राजस्वकर्मियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात पत्रकारों से कहा है।
तहसीलदार आशीष सिंह ने कहा कि आज जमीन और तलाब को दबंगों से मुक्त कराने के बाद अब उन कर्मचारियों के खिलाफ जांच कराया जायेगा जिसने सरकारी जमीन को दबंगों के नाम दर्ज किया था।
सबरहद गांव के इमरानगंज बाजार स्थित तिराहे पर भू-माफियाओं द्वारा कूटरचित दस्तावेज के आधार पर नाम दर्ज करा अवैध ढंग से कब्जा किया गया था। बताया जाता है कि सबरहद गांव निवासी राम अचल कुशवाहा पुत्र चिरकुट के नाम फर्जी ढंग से नाम दर्ज करा लिया गया जिसके बाद राम अचल से सबरहद गांव निवासी उमैर शेख पुत्र शहाबुद्दीन शेख ने बैनामा ले लिया। उसी आधार पर भूमि पर कब्जा ले प्लाटिंग कर बेचा जा रहा था जबकि राम अचल ने बयान दिया है कि मेरे नाम कैसे जमीन आया मुझे नहीं पता। मुझे ले जाकर बैनामा करा लिया गया। फिलहाल मुझसे उक्त भूमि से कोई लेना-देना नहीं है। इसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ा। तहसील प्रशासन ने चूना भट्टी की भूमि को कुर्क कर दिया।
मालूम हो कि बीते 13 मई को पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आशुतोष इन्हीं सरकारी जमीनों को खाली कराने की लड़ाई लड रहे थे। मौत के डेढ़ माह बाद तहसील प्रशासन निद्रा से जागा व उक्त जमीनों कों कुर्क और सरकारी सम्पत्ति घोषित किया। पुलिस ने मामले में लेखपाल विकास सिंह की तहरीर पर उमैर शेख, सिकन्दर आलम और अरफी शेख के विरुद्ध नये कानून के तहत मामला पंजीकृत किया है।कार्यवाही के दौरान तहसीलदार आशीष सिंह, नायब तहसीलदार बलवंत उपाध्याय, शैलेन्द्र कुमार, पुलिस उपाधीक्षक अजीत सिंह चौहान, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज ठाकुर सहित तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।