आख़िरी ट्रेन पकड़ने की फिराक में दिल्ली तक दौड़ रहे केशव मौर्य
-केशव को आपदा में अवसर का सब्ज़बाग दिखाने वाले भाजपा हाई कमान के हाथ से कहीं सवर्ण वोटर न फिसल जाएं! दिल्ली- लखनऊ के शीत युद्ध में भाजपा से सवर्ण वोटरों का मोहभंग पार्टी को पड़ सकता है भारी l
-गोरक्षपीठ से आये योगी का 'कद' राजनीति के फ़लक पर है, उनसे इस्तीफ़ा लेने में फेल दिल्ली की अगली चाल कुछ मन्त्रियों के इस्तीफ़ा से शुरू हो सकती है l भाजपा को यूपी में हराया आम जनता ने और तोहमत लग रही नौकरशाही पर l
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-कैलाश सिंह-
लखनऊ(तहलका विशेष)l दिल्ली और लखनऊ के बीच शीत युद्ध दो साल पूर्व यानी 2022 से चल रहा हैl इसकी बुनियाद योगी आदित्यनाथ के बढ़ते राजनीतिक 'कद' पर ब्रेक लगाने को लेकर पड़ी l 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की जनता ने मोदी की लहर और शाह के भ्रम को तोड़कर रख दिया और केन्द्र में मोदी को लंगड़ी सरकार बनानी पड़ी वरना दिल्ली हाई कमान कब का योगी को हटा चुका होताl एक तरफ़ बिहार की बैसाखी हटाने के लिए कील ठोंकी जा रही है वहीं यूपी में भाजपा का आंतरिक कलह चरम की ओर अग्रसर हैl पार्टी नेताओं के जरिए योगी पर हो रहे हमले से सवर्ण वोटर अब आजिज आने लगे हैं l पार्टी में अनुशासन खंडित होने से आमजन खासकर सवर्णों का भी मोह भंग होने लगा है l इसकी पुष्टि भाजपा के ही बड़े नेता करने लगे हैं l उन्हें इसका एहसास पारिवारिक सदस्यों से ही होने लगा है l
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि केशव मौर्य अब मिशन 2027 का इंतज़ार नहीं करना चाहते हैं, शायद उन्हें अपने ही जातिगत वोटरों पर भरोसा नहीं रहाl इसीलिये वह वर्तमान सरकार के बचे दो- ढाई साल में खुद के लिए 2027 में निवर्तमान सीएम का दर्जा पाने को आतुर हैंl इसके जरिए अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की फिराक में वह दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं, यानी सरकार के मौजूदा कार्यकाल को आख़िरी ट्रेन मानकर आपाधापी मचाए हैं l इनके लिए यही कहावत सटीक है कि - 'आधी छोड़ पूरी पर धावे, आधी रहे न पूरी पावे'l वह खुद का चुनाव हारने के बाद भी प्रदेश के डिप्टी सीएम हैं, अपना ओहदा, विभाग और अपने अधीन वाले अफ़सरों से काम लेने की बजाय 'पूरी' पाने में लगे हैं l
केशव मौर्य के चक्कर में यूपी कैबिनेट दो फाड़ हो चली है l पिछड़े, अति पिछड़े वोटर खिसक लिए इंडिया की तरफ़l भाजपा हाई कमान इन वोटों के कथित ठेकेदारों ओ पी राजभर, संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल आदि को जोड़कर जीत के हसीन सपने देखता रह गया l यानी भाजपा को जनता ने हराकर उनकी लहर, चेहरा, और मुद्दे को नकार दिया l नौकरशाही पर लगाई जा रही तोहमत केवल योगी को घेरने के लिए है, ताकि वह आजिज आकर या महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की तरह हार को खुद की नैतिक जिम्मेदारी मानकर इस्तीफ़ा दे दें, लेकिन योगी अब केवल मठाधीश नहीं, वह अपना कद राजनीति के फ़लक तक पहुंचा चुके हैंl वह देशभर में सबसे बड़ा हिंदुत्व का चेहरा बन चुके हैं l उन्हें अब शिवराज चौहान, रमन सिंह, वसुंधरा, खट्टर आदि के सांचे से देखना दिल्ली हाई कमान की भूल होगीl उनके पीछे संघ खड़ा है l उनके पास हर वर्ग के अलावा सवर्णों का बड़ा वोट बैंक है l पूर्व में वह हिंदू युवा वाहिनी के जरिए भाजपा को भी मात दिला चुके हैंl शायद इसीलिए भाजपा हाई कमान उन्हें सीधे हटाने की हिमाकत नहीं कर पा रहा है l
इसी चुनाव में सवर्णों में से राजपूतों ने गुजरात से विरोध की ज्वाला फैलाई तो यूपी में आकर वह चिंगारी ऐसी धधकी कि पार्टी आधे से कम पर अटक गई l इस तरह भाजपा के आंतरिक कलह की आग में पार्टी नेताओं के बयान पेट्रोल सरीखा काम कर रहा है जिससे सवर्ण वोटर विचलित हो रहे हैं l
पार्टी के हार का कारण टिकट का गलत बंटवारा है योगी नहीं
जवाब देंहटाएं101 परसेंट आपने सही कहा और दूसरी हर जो हुई वह सिर्फ आरक्षण और संविधान जो कि फर्जी हवा दिया गया यह भी एक बहुत बड़ी वजह रही यदि टिकट सही-सही दिया गया होता तो यूपी की 23 सीट और जीती जा सकती थी ।
हटाएंबी सरोज का नारा यू पी में बुलडोजर बाबा तो मछलीशहर में यस सी यस टी बाबा है से आहत सवर्ण वोटरों का नाराज होना, योगी जी के दिए हुए नामों को टिकट न देना, राजा भैया से बंगलुरू में मीटिंग के बाद प्रतापगढ़ में उनकी अवहेलना करना, साथ में विपक्ष का नैरेटिव फैलाना भाजपा को पीछे ले गया
जवाब देंहटाएंअगर धनंजय सिंह को वोट दिया गया होता तो जौनपुर की सीट बीजेपी को मिल जाती मगर यहां तो बड़े नेताओं की मनमानी से उत्तर प्रदेश में बीजेपी पीछे रह गई
जवाब देंहटाएंAapka vishleshan pachpat purn hai agar Raghuraj Singh ke Karan BJP hari ve na to BJP ke sadasya hain na vidhayak mananiy mukhymantri ji bhi usi samaj se aate Hain to Apne samaj Ko ROk kyon nahin paye Pradesh mein naukarshah itna badh gaya hai ki mantri vidhayak sansad ki nahin chalti aam Janata party karykarta ki kya dasha hogi aapka vismaran sar tatpurn nahin hai
जवाब देंहटाएंRight 100%
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