'घिर आई कारी बदरिया, धरती की धानी चुनरिया, हो आया सावन सुहावन'
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समता विचार मंच ने आयोजित की महिला काव्य गोष्ठी
जौनपुर। शहर समता विचार मंच की महिला काव्य गोष्ठी डॉ. मधु पाठक के संयोजन में अर्चना चौहान की अध्यक्षता में हुई जिसकी मुख्य अतिथि डॉ. पूनम श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सुमन सिंह, डॉ. नीलू सिंह रहीं। काव्य गोष्ठी 5 बजे से 6.30 बजे तक चली जिसका शुभारंभ अध्यक्षता कर रहीं अर्चना ने दीप प्रज्वलित करते हुये मां सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण करके किया। सरस्वती वंदना की प्रस्तुति डॉ. मधु पाठक ने किया जहां गोष्ठी का संचालन डॉ. मधु पाठक ने किया। गोष्ठी में सभी महिला रचनाकारों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति द्वारा आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया जिसमें डॉ. पूनम श्रीवास्तव ने 'तुम तो मुझमें उम्र भर चलते रहोगे बहन हूं मैं तड़पती हूं भाई तेरे हित', डॉ. सुमन सिंह ने 'राम रमे हैं हर जन में', 'खुली आंखों का ख़्वाब कभी सच नहीं होता', डॉ. नीलू सिंह ने 'सखि हो हरसित भईले मनवां झूमि झूमि आवै सवनवां ना', 'ई मंहगाई जान ले लेई बुझात बा नाव डगमगात बा ना', डॉ. रेनू राय ने 'मैंने अपने घर के पीछे एक उजड़ता घर देखा है', 'अबकी सावन में जाब नैहरवां पिया', डॉ. मधु पाठक ने 'घिर आई कारी बदरिया धरती की धानी चुनरिया हो आया सावन सुहावन' और अर्चना चौहान ने 'एक पांव पर खड़ा है बगुला घातक ताक लगाए जल में ही छुप जा मछरिया क्यों उछल उछल दिखलाए', रचना पढ़ी। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मधु पाठक ने किया।