यूपी में अवैध कब्जों से मुक्त होंगी सार्वजनिक ज़मीन

मुख्यमन्त्री के निर्देश पर सभी विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग,नगर निगम, नगर पालिकाएं, पंचायतें हुईं सक्रिय, जिलों के प्रशासन और राजस्व विभाग भी हुए तत्पर, अब

फिर नौकरशाही की परीक्षा l

-जौनपुर की तरह हर जनपद में ग्रीन पार्क, तालाबों, झीलों, नदियों के किनारे ही नहीं तलहटी भी भू- माफ़िया के कब्जे में आकर बदल चुकी हैं अपना मूल स्वरूपl


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कैलाश सिंह/अशोक सिंह

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लखनऊ/जौनपुर (तहलका टीम)l लोकसभा चुनाव के बाद तल्ख तेवर में आये मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ सुस्त पड़े विकास कार्यों को जहां रफ़्तार देने में लगे वहीं उन्होंने नौकरशाही के चलते बदनाम सूबे की सरकार का भी इकबाल कायम करने की ठान लीl नतीज़तन उन्होंने सबसे पहले टॉप वाली कुर्सी पर अपने भरोसे के नौकरशाह को बैठाकर प्रदेशभर की नौकरशाही को संकेत दे दिया कि अब भ्रस्टाचार और लापरवाही छोड़कर जनहित के काम में लगे अफ़सर ही रहेंगेl इसी क्रम में सार्वजनिक भूमि को भू- माफ़िया के कब्जे से मुक्त कराने के निर्देश पर भी कार्य शुरू हो गया हैl तमाम जिलों में सचिव स्तर के नोडल अफ़सर जिलाधिकारियों से मिलकर उन्हें सार्वजनिक भूमि को खाली कराने की सलाह दी हैl

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एल डी ए के सहयोग से पुलिस- प्रशासन तेज़ी से कार्य में लग गया है l प्रदेश में लखनऊ के अलावा जौनपुर ही ऐसा जनपद है जहां जिला मुख्यालय के मध्य शहर से गोमती नदी गुजरी है l लखनऊ के कुकरेल नदी के जल स्रोतों के जीर्णोधार के कराये गए अवैध निर्माण का सर्वे हुआ तो कुकरैल नदी पर सात सौ अवैध निर्माण पाए गएl इनमें दोनों किनारों से 50 मीटर के दायरे में हुए निर्माण हटेंगे l इसके अलावा अबरारनगर, इंद्रप्रस्थ कालोनी, पन्त नगर, रहीमनगर में भी हुए सर्वे में अवैध निर्माण पाए गए, सब सख्ती से खाली कराये जाएंगे l

इसी तर्ज़ पर प्रदेश के सभी जिलों में यह कार्य सख्ती और सक्रियता से करने के निर्देश हैं l इस रिपोर्ट में बानगी जौनपुर की है जहां दशकों से सार्वजनिक भूमि पर माफ़िया चील की तरह झपटकर जरूरतमन्दों को बेचकर उन्हें भी भू- माफ़िया की गैंग में शामिल कर लिये l अब वह जमीन के मूल्य से अधिक कीमत हर साल अफ़सरों को देते आ रहे हैं लेकिन भूमि की 'नवैयत' नहीं बदलवा पा रहे l एक साल पूर्व हजारों भू- माफ़िया मिलकर एक करोड़ से अधिक रकम जुटाकर एक मन्त्री को दिये फ़िर भी नवैयत नहीं बदली l

जौनपुर के भू माफ़िया अब गोमती की बीच धारा में भी 'जल महल' बनाने की तैयारी में हैं l इस कारनामे में गोल्ड माफ़िया भी अहम भूमिका निभा रहे l यहाँ एक ने गोमती की तलहटी में 'क्लब' खोल दिया है, दूसरे ने आम- अमरूद का बगीचा निगलकर बंगला पैदा कर लिया l कई माफ़िया होटल, अस्पताल, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, सिटी टॉवर खड़े कर लिए हैं, एक माननीय ने झील के नाले पर रैन बसेरा को आवास में तब्दील करके दशकों से कब्जा किया हैl अब उनकी दूसरी पुस्त का माननीय इस रेकॉर्ड को कायम किए है l दिलचस्प तो ये है कि इस जिले के सिटी मजिस्ट्रेट को वह फ़ाइल ही नहीं मिल रही है जो पूर्व जिलाधिकारी मनीष वर्मा के समय तैयार की गई थी l दो साल पूर्व उनके कार्यकाल में तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट ने नोटिस के जरिए तीन सौ करोड़ वसूली करके जौनपुर विकास प्राधिकरण भवन बनाने का सपना मीडिया में बयान देकर बेच लिए लेकिन करोड़ों रुपये उनके निजी कोष में समाहित हो गए l उस समय लगभग ढाई हजार लोगों को अवैध निर्माण के चलते नोटिस दी गई थी, आख़िर वह फ़ाइल कहाँ गई? वर्तमान सिटी मजिस्ट्रेट ने फाइल गुम होने का बयान एक टीवी चैनल को दिये हैं जो हमारे पास भी महफूज़ है l

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