दो मोहर्रम का निकला ऐतिहासिक जुलूस अंजुमनो ने पढ़े नौहे, किया मातम

 जौनपुर। नगर के शेख मोहामीद मोहल्ले के इमामबाड़ा फ़क़ीर हुसैन में मंगलवार की रात्रि दो मोहर्रम का ऐतिहासिक जुलूस निकल गया जो अपने कदीम रास्ते से होता हुआ पुनः इमामबाड़ा फकीर हुसैन में जाकर समाप्त हुआ। मजलिस में सोज़खानी गौहर अली ज़ैदी उनके हमनवा ने किया, मजलिस को खेताब करते हुए डॉ कमर अब्बास ने बताया कि किस तरह कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने दीन-ए -इस्लाम को बचाने के लिए अपनी  कुर्बानी पेश किया। जिसके बाद शबीहे अलम व दुलदुल का जुलूस निकाला गया जिसमें अंजुमन अज़दारिया कदीम,शमशीर- ए- हैदरी कौसरिया, व गुलशने इस्लाम नौहा व मातम करते हुए अपने कदीम रास्ते से होते हुए इमाम चौक मुख्तार हुसैन हमाम दरवाजे पहुँचा।यहाँ मोहम्मद हसन नसीम ने तकरीर करते हुए बताया कि इमाम हुसैन की कुर्बानी को आज सभी धर्म व जाति के लोग याद कर मोहर्रम मनाते है क्योंकि उन्होंने पूरी मानवता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।यहाँ शबीहे ताबूत को अलम से मिलाया गया।जुलूस पुनः कदीम रास्ते से होता हुआ इमाम चौक मौलवी जव्वाद हुसैन पहुँचा, यहाँ इसरार हुसैन एडवोकेट ने तकरीर करके कर्बला के शहीदों को नजर आने हकीकत पेश किया यहां से जुलूस पुनः इमामबाड़ा फकीर हुसैन में जाकर देर रात्रि समाप्त हुआ। इस मौके पर जुलूस के आयोजक मज़हर अब्बास मुन्ने,अंसार हुसैन, नज़ीर हसन,ज़फर अब्बास डॉ अहमद रिज़वी ,परवेज़ हसन सहित अन्य लोग मौजूद थे। सुरक्षा के लिए सिटी मजिस्ट्रेट ईन्द्रनंदन सिंह,शहर कोतवाल मिथिलेश मिश्रा, इंसपेक्टर क्राइम महबूब आलम,चौकी इंचार्ज पुरानी बाजार संजय ओझा सहित पुलिस फोर्स तैनात थी। इसी क्रम में करंजकला


ब्लॉक के करंजा खुर्द गांव में आज़म ज़ैदी के आवास मरहूम सिब्ते हैदर के इमामबाड़े से मजलिस के बाद दुलदुल का जुलूस बरामद हुआ, जिसमें  एहतेशाम और उनके हमनवा ने सोज़ख्वनी की और मजलिस को बेलाल काज़मी जौनपुरी ने खेताब करते हुए कहा दुनिया में नवासे रसूल  फातमा ज़हरा के लाल  इमाम हुसैन के जैसी शाहदत न हुई है और न होगी। इस शहादत ने एक अलग तरह की ज़िंदगी जीने का मतलब सिखाया है उन्होंने कहा की इमाम हुसैन ने एक ज़ालिम बादशाह और उसके साथियों के द्वारा आतंक करने वालों के खिलाफ क़र्बला में अपने 71 साथियों के साथ एक अज़ीम शाहदत पेश् कि और आज इंसानियत की एक अलग मिसाल क़ायम है।

जुलूस में शबीहे दुलदुल सबसे कमसिन शहीद हज़रत  अली असगर का झूला बरामद हुआ। करंजाकला अंजुमन, बबरखा, करंजाखुर्द की अंजुमनों ने जुलूस के साथ गांव के सदर इमामबारगाह से गश्त करते हुए वापस मरहूम सिब्ते हैदर इमामबारगाह  पहुँचा।  जुलूस में सिब्ते अब्बास असलम, शीराज़ हैदर ,एजाज़ हैदर, मो अब्बास ,कलबे हैदर , अब्बास, आज़म ज़ैदी ,फैज़ी अब्बास, जौहर ,गांधी ,शानू आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे ।

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