रखिया बंधईया भईया...
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एकही हम कोखिया से भईली भईया,.
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
दौड़े-दौड़े आईब बहिनी रखिया बँधाईब,
जब ले परान रही धरम ई निभाईब।
अन्न, धन, सोनवाँ न चाही भईया,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
एक ही हम कोखिया से भईली भईया,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
खेलली औ कुदली सयान साथ भईली,
मारपीट कितना लड़कपन में कईली।
नईहर कै महकिया संग लिहले अईहा,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
एकही हम कोखिया से भईली भईया,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
सबके रुलाय बहिना छोड़लू अँगनवाँ,
माई-बाप, दादी कै बाटू तू परनवाँ।
तोहके फिर से पलकिया बिठाई भईया,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
एकही हम कोखिया से भईली भईया,
दौड़े-दौड़े आके रखिया बँधईया भईया।
रामकेश एम. यादव, मुम्बई