नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी का पहला शो ही फ्लाप
प्रमोद जायसवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अब तक जो भी जिम्मेदारी मिली, खरे नहीं उतरे। नेता प्रतिपक्ष के रूप में मिली नई जिम्मेदारी में भी नाकाबिल नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में पहले भाषण में ही वह विवादों में आ गए और पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक होने का मौका दे दिया है। हिंदुओं को हिंसा से जोड़कर उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया वहीं हिंदू देवताओं एवं अन्य धर्म के आराध्य के अभय मुद्रा, अयोध्या, अग्निवीर, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि के बारे में तथ्यों के विपरीत गलतबयानी कर अपनी काबिलियत पर सवाल खड़ा कर दिया। उन पर सदन के नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे। उनके भाषण के दौरान अनेक बार रूल बुक निकली। सत्ता पक्ष के सांसदों ने खड़े होकर उनके बयान की आलोचना करते हुए माफी मांगने की अपील की। प्रधानमंत्री ने भी दो बार खड़े होकर उनके बयान पर कड़ी आपत्ति की।
राहुल गांधी बीजेपी पर हमला बोलने के चक्कर में यह भूल गए कि वह चुनावी सभा को सम्बोधित नहीं कर रहे बल्कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सदन की कार्यवाही में बोल रहे हैं जो बहुत ही जिम्मेदारी वाला पद है।
हिंदू हिंसा और नफरत
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा हिंसा हिंसा नफरत नफरत नफरत की बात करते हैं। आप हिंदू है ही नहीं। राहुल के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। प्रधानमंत्री ने खड़े होकर इसे गंभीर बात बताया। कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है। यद्यपि राहुल ने सफाई दिया कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है।
देवताओं के अभय मुद्रा पर बवाल
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान सभी धर्म के देवताओं के चित्र निकालकर उनके अभय मुद्रा को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जोड़ने की कोशिश किया। कहा कि सभी धर्म के आराध्य का संदेश है कि डरो मत डराओ मत। कांग्रेस का चुनाव निशान इसी अभय मुद्रा से प्रेरित है। राहुल के इस बयान पर भी सदन में हंगामा खड़ा हो गया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने राहुल को सभी धर्म गुरुओं से अभय मुद्रा के बारे में जानकारी लेने की नसीहत दी। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने दुआ के लिए जुड़े हाथ को अभय मुद्रा बताने पर आपत्ति किया।
अयोध्या के बारे में बरगलाया
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी अयोध्या सीट इसलिए हारी कि वहां एयरपोर्ट की अधिग्रहित जमीन तथा स्थानीय दुकानदारों को मुआवजा नहीं किया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस बयान पर भी घोर आपत्ति किया और इसे तथ्यों के विपरीत बताया। सच्चाई यह है कि अयोध्या नाम की लोकसभा सीट है ही नहीं। अयोध्या एक विधानसभा क्षेत्र है। लोकसभा सीट फैजाबाद के नाम से है। उसके अंतर्गत अयोध्या सहित पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। बीजेपी अयोध्या विधानसभा में जीती है। भले ही अन्य चार में उसे हार का सामना करना पड़ा है। मुआवजा का मसला अयोध्या में ही था। फिर कैसे कहा जा सकता है कि बीजेपी मुआवजे के कारण हारी।
अग्निवीर पर दिया गलत बयान
राहुल गांधी ने युवाओं को साधने के चक्कर में अग्निवीर योजना पर भी अनापशनाप बयान दिया। कहा कि अग्निवीर के जवानों को शहीद का दर्जा नहीं मिलता। शहीद होने पर परिजन को सहायता राशि नहीं मिलती। चीन में 5 साल की ट्रेनिंग होती है जबकि यहां छह माह की ट्रेनिंग देकर उनके सामने मोर्चा लेने के लिए खड़ा कर दिया जाता है। सच्चाई यह है कि चीन में अग्निवीर जैसी ही योजना है। वहां पांच साल की ट्रेनिंग नहीं होती। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बयान पर आपत्ति जताते हुए बताया कि अग्निवीर के शहीदों के परिजन को एक करोड़ की सहायता राशि दी जाती है।
एमएसपी पर किसानों को भरमाया
राहुल गांधी ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गलत बयान देते हुए किसानों को भरमाने की कोशिश किया। कहा कि सरकार किसानों को फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी दे रही है। विरोध करने पर किसानों को डराया धमकाया जाता है। उन्हें आतंकवादी कहा जाता है। सच्चाई यह है कि सरकार 23 फसलों पर किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खड़े होकर राहुल के बयान का खंडन किया। कई मंत्रियों ने राहुल को सदन की मर्यादा बनाए रखने तथा नियमों को जानने के लिए ट्यूशन लेने की सलाह दी।
एक पक्षीय रिपोर्टिंग है ये जैसे किसी संघी और भाजपाई की रिपोर्ट हो।
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